नेताओं की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों की जाएगी कुर्सी
भाजपा विधायकों व पार्षदों की उपेक्षा करना अब अधिकारियों को महंगा पड़ेगा, क्योंकि ऐसे नौकरशाहों पर पार्टी विशेष तौर पर नजर रख रही है। पार्टी का मानना है कि इस तरह के अधिकारियों की वजह से दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसलिए गैर जिम्मेदार अधिक
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायकों व पार्षदों की उपेक्षा करना अब अधिकारियों को महंगा पड़ेगा, क्योंकि ऐसे नौकरशाहों पर पार्टी विशेष तौर पर नजर रख रही है। पार्टी का मानना है कि इस तरह के अधिकारियों की वजह से दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसलिए गैर जिम्मेदार अधिकारियों को हटाया जाना जरूरी है। पार्टी के अनुसार ऐसे अधिकारियों की पहचान कर केंद्रीय गृह मंत्री से शिकायत की जा रही है, जिससे कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
भाजपा विधायक व पार्षदों की यह शिकायत रहती है कि सरकारी कार्यालयों में उनकी सुनवाई नहीं होती है, जिस वजह से उनके क्षेत्र की समस्याएं हल नहीं हो रही हैं। उनका कहना है कि दिल्ली में मुख्य पदों पर तैनात अधिकांश अधिकारी कांग्रेस या आम आदमी पार्टी (आप) के समय के हैं। इसलिए वे भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करते हैं। उनके अनुसार कांग्रेस व आप के इशारे पर भाजपा की छवि खराब करने के लिए जन शिकायतों का निवारण नहीं हो रहा है। इसलिए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले सप्ताह दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में कुछ विधायकों ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी यह मुद्दा उठाया था। इसी तरह से दिल्ली के पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से भी कुछ पुलिस अधिकारियों की शिकायत की गई थी।
माना जा रहा है कि प्रदेश भाजपा की शिकायत के कारण ही एसके श्रीवास्तव को हटाकर दीपक मोहन स्पोलिया को दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही कुछ अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। जल्द ही कुछ और प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को बदले जाने की संभावना है।
वहीं, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के तबादलों को लेकर कांग्रेस व आप ने भाजपा पर हमला शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी इसकी शिकायत की है तो आप ने कहा है कि भाजपा अपने राजनीतिक हित साधने के लिए अधिकारियों का तबादला करवा रही है। इसके जवाब में भाजपा का कहना है कि कांग्रेस व आप प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर राजनीति कर रही हैं। पार्टी के अनुसार, स्पोलिया को मुख्य सचिव बनाने का कांग्रेस ने यह कहकर स्वागत किया था यह उनके आदमी हैं, लेकिन जैसे ही उन्होंने प्रशासनिक फेरबदल करना शुरू किया तो कांग्रेसियों को इसमें भगवाकरण नजर आने लगा है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि दो दिन में ही आखिर ऐसा क्या हो गया कि उनके अपने स्पोलिया पराए कैसे हो गए। भाजपा यह दावा कर रही है कि प्रशासनिक फेरबदल सामान्य प्रक्रिया के तहत किए गए हैं। पिछले एक साल से दिल्ली में नियमित तबादले नहीं हुए थे, 25 थाने तो ऐसे थे जहां पिछले तीन-चार साल से एसएचओ जमे हुए थे तथा उनके खिलाफ काफी जनशिकायतें थीं।
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