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    'अधिकार क्षेत्र नहीं, केस का मजमून बताए पुलिस'

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    Updated: Sun, 12 Jan 2014 12:51 AM (IST)

    दुष्कर्म के मामले में फंसे संत आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं की एक कथित सहयोगी महिला की अग्रिम जमानत पर गुजरात पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर किया है। गुजरात पुलिस ने महिला से संबंधित मामले की जानकारी न देते हुए कहा कि केस सूरत में दर्ज है, इसलिए यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र म

    नई दिल्ली। दुष्कर्म के मामले में फंसे संत आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं की एक कथित सहयोगी महिला की अग्रिम जमानत पर गुजरात पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर किया है। गुजरात पुलिस ने महिला से संबंधित मामले की जानकारी न देते हुए कहा कि केस सूरत में दर्ज है, इसलिए यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

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    न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने गुजरात पुलिस के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि अदालत को अधिकार क्षेत्र के बारे में न बताकर गुजरात पुलिस यह बताए कि वे युवती को किस संदर्भ में गुजरात ले जाना चाहते हैं। वे युवती से संबंधित केस की स्टेटस रिपोर्ट अदालत में पेश करें। अब इस मामले की सुनवाई 5 फरवरी को होगी।

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    खंडपीठ ने कहा कि गुजरात पुलिस अदालत को यह बताने में नाकाम रही है कि वह इस युवती को क्यों पूछताछ के लिए बुलाना चाहती है? ऐसे में पुलिस को मामला स्पष्ट करना जरूरी है।

    पिछले साल दिसंबर में युवती को गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद में पेश होने के लिए नोटिस भेजा था। युवती ने नोटिस को न्यायालय में चुनौती दी थी। उसने हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगते हुए कहा था कि नोटिस में यह नहीं बताया गया है कि उसे पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया है।

    युवती के वकील ने दलील दी कि प्राथमिकी में उसकी भूमिका के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, मामले में घटना वर्ष 2001-02 की है। उस समय वह स्कूल में पढ़ती थी और उसका आसाराम से कोई संबंध नहीं था।

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