Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली दुष्कर्म कांड के दोषी ने कहा विरोध करने पर मार दिया लड़की को

    16 दिसंबर, 2012 को हुए दिल्ली दुष्कर्म कांड के मुख्य गुनहगारों में से एक मुकेश सिंह ने इस बर्बर कांड के लिए पीडि़त लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया है। अपने कुकृत्य पर नाम मात्र भी पछतावा जताने के बजाय उसने कहा कि रात में बाहर जाने वाली महिलाओं को अगर

    By Test2 test2Edited By: Updated: Tue, 03 Mar 2015 02:09 PM (IST)

    नई दिल्ली । 16 दिसंबर, 2012 को हुए दिल्ली दुष्कर्म कांड के मुख्य गुनहगारों में से एक मुकेश सिंह ने इस बर्बर कांड के लिए पीडि़त लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया है। अपने कुकृत्य पर नाम मात्र भी पछतावा जताने के बजाय उसने कहा कि रात में बाहर जाने वाली महिलाओं को अगर पुरुष छेड़ते हैं, तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। जिस चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसे मुकेश सिंह ही चला रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री के लिए साक्षात्कार देते हुए जेल में बंद मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है। उसने यह भी कहा कि अगर लड़की और उसके दोस्त ने इतना विरोध न किया होता, तो वे उन्हें इतनी बुरी तरह से न मारते। लड़की की मौत को एक दुर्घटना बताते हुए मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था। उसे चुप रहना चाहिए था और दुष्कर्म होने देना चाहिए था। तब उसे छोड़ दिया जाता और केवल लड़के को मारा जाता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आठ मार्च को इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा।

    उल्लेखनीय है कि दो साल पहले राजधानी में चलती बस में एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में लड़की की मौत हो गई। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले के मुख्य आरोपी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। मामले की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत का गठन किया गया। अदालत ने एक आरोपी को नाबालिग होने के चलते तीन साल की सजा सुनाई। चार को फांसी की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा। चारों गुनहगारों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।

    मुकेश ने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती, दोनों हाथों की जरूरत होती है। एक अच्छी लड़की नौ बजे रात को बाहर नहीं घूमती। दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा जिम्मेदार लड़की है। लड़के और लड़कियां बराबर नहीं होते। इस दुष्कर्मी के मुताबिक, घर संभालना और घर के काम लड़कियों के लिए हैं, न कि गलत कपड़े पहनकर रात में डिस्को और बार में जाकर गलत काम करना। करीब 20 फीसद लड़कियां अच्छी होती हैं। उसने कहा कि अगर उसे और दूसरे दोषियों को फांसी दी जाती है, तो इससे भविष्य में दुष्कर्म की शिकार लड़कियों के लिए खतरा बढ़ जाएगा।

    पढ़ें : नोएडा में मॉल के बेसमेंट में लड़की के साथ रेप, आरोपी गिरफ्तार

    दिल्ली में पूर्वोत्तर की लड़की के साथ दुष्कर्म