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फिर कानून मंत्री का सवाल, मुश्किल में केजरीवाल

दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की डिग्री का मामला तूल पकड़ रहा है। विपक्ष ने तोमर के साथ-साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। सूबे की सरकार में भी यह मुद्दा गर्म है और तोमर की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2015 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2015 12:44 AM (IST)
फिर कानून मंत्री का सवाल, मुश्किल में केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की डिग्री का मामला तूल पकड़ रहा है। विपक्ष ने तोमर के साथ-साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। सूबे की सरकार में भी यह मुद्दा गर्म है और तोमर की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है। तोमर ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी डिग्री सही है और समय आने पर इसे साबित भी कर देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष उनके खिलाफ साजिश कर रहा है। दूसरी ओर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने तोमर से अविलंब इस्तीफा देने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव पीसी चाको व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल से भी इस्तीफा मांगा है।

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सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी में भी अंदरखाने हड़कंप मचा है। कुछ नेता दलील दे रहे हैं कि 20 अगस्त को हाई कोर्ट में इस मामले में होने वाली सुनवाई तक तोमर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए, जबकि कई अन्य नेता कार्रवाई के पक्ष में हैं। समझा जा रहा है कि पार्टी एक-दो दिन में इस मुद्दे पर कोई निर्णय जरूर ले लेगी। उल्लेखनीय है कि अपने 49 दिन के पहले कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तत्कालीन कानून मंत्री सोमनाथ भारती को लेकर सियासी मुश्किल में फंसे थे। उन्होंने खिड़की एक्सटेंशन इलाके में रात में छापा मारा था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने नाइजीरिया की महिलाओं के साथ दु‌र्व्यवहार किया था। विपक्षी दलों ने भारती को पद से हटाने की मांग की थी। यह संयोग ही है कि एक बार फिर उनके नए कानून मंत्री ने उनके व उनकी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

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बार काउंसिल ने दिया नोटिस

दिल्ली बार काउंसिल ने मंगलवार को जितेंद्र तोमर से उनकी एलएलबी की डिग्री पर नोटिस जारी कर आठ मई तक जवाब मांगा है। इससे पहले उनसे बीएससी की डिग्री को लेकर भी जवाब मांगा जा चुका है। सोमवार को तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (बिहार) द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में तोमर के प्रोविजनल सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया था। काउंसिल के चेयरमैन केके मेनन ने बताया कि इस तथ्य के सामने आने पर कानून मंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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