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    दिल्ली गैंगरेप: फैसले की घड़ी दो दिन टली, गुनहगारों के वकीलों पर हमला

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    Updated: Thu, 12 Sep 2013 08:26 AM (IST)

    चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती से गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की किस्मत पर फैसले की घड़ी दो दिन और टल गई। साकेत कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब पूरे देश की निगाहें फैसले के इंतजार में हैं, जिसे अदालत शुक्रवार दोपहर ढाई बजे सुनाएगी।

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    नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती से गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की किस्मत पर फैसले की घड़ी दो दिन और टल गई। साकेत कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब पूरे देश की निगाहें फैसले के इंतजार में हैं, जिसे अदालत शुक्रवार दोपहर ढाई बजे सुनाएगी।

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    ऐसे साबित हुई दरिदंगी

    इनके बयान से मिला था सुराग

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की अदालत में अभियोजन पक्ष ने चारों दोषियों मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के लिए सजा-ए-मौत की मांग की। मामले को सबसे नृशंस और दुर्लभतम बताते हुए अभियोजन ने अदालत से किसी भी प्रकार की नरमी न बरतने की अपील की। जबकि बचाव पक्ष ने दलील दी कि यह मामला दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए इसमें फांसी की सजा नहीं दी जा सकती।

    सजा पर बहस सुबह 11 बजे शुरू हुई। दिल्ली पुलिस के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि वारदात को जिस नृशंस और अमानवीय तरीके से अंजाम दिया गया, उसकी पुष्टि पीड़िता की चोटों ने भी की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की नजीर देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने भी गैंगरेप के मामले में मुजरिम पर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतने का आदेश दिया है।

    वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों ने अभियोजन की इस दलील पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि यह मामला दुर्लभतम अपराध का नहीं बनता। देश में सैकड़ों हत्याएं होती हैं। हत्या के अपराध को कानून की नजर में नृशंस माना गया है मगर हर हत्या के मामले में फांसी की सजा नहीं दी जाती। लिहाजा, इस मामले में भी फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए। अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा दी जा सकती है और उन्हें जेल भेज कर सुधार का एक मौका दिया जाना चाहिए।

    बचाव पक्ष के वकीलों पर हमला

    बचाव पक्ष के दो वकीलों वीके आनंद और एपी सिंह पर साकेत कोर्ट के बाहर एक महिला ने हमला कर दिया। वीके आनंद मुजरिम मुकेश के तो एपी सिंह अक्षय और विनय का मुकदमा लड़ रहे हैं। दोनों को मामूली खरोंचे आई हैं। महिला पुलिसकर्मियों ने हमलावर महिला को पकड़ कर कोर्ट परिसर से बाहर निकाल दिया। महिला अनिता गुप्ता ने वकीलों को सौ-सौ का नोट दिखाते हुए उन पर चिल्लाना शुरू कर दिया।

    उसका कहना था कि घर के बाहर महिलाओं का निकलना मुश्किल हो गया है। फिर भी कोई वकील दोषियों को बचाने के लिए यह केस क्यों लड़ रहा है। इस दौरान अनिता ने अपनी चप्पल निकालकर एपी सिंह की तरफ उछाल दिया।

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