बुधवार को संसद में रक्षा मंत्री खोलेंगे अगस्ता का चिट्ठा
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर बुधवार को संसद में जवाब देंगे। पर्रिकर इस सौदे में पिछली सरकार में हुई गड़बड़ियों का ब्योरा और कानूनी कार्रवाई में हुई ढिलाई पर दस्तावेज पेश करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड सौदे पर कांग्रेस का पीछा आसानी से नहीं छूटने वाला है। इस मामले में सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक आंच पहुंचता देखकर सरकार इस पर अपने तेवर बरकरार रखना चाहती है। अब बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर संसद में आधिकारिक बयान देंगे। इसमें पिछली सरकार के दौरान सौदे की गड़बड़ियों का ब्योरा देने के अलावा दोषियों को कानून के दायरे में लाने में हुई ढिलाई का भी हिसाब दिया जाएगा।
पर्रिकर ने रविवार को कह दिया कि बुधवार को सरकार इस मामले पर पूरा हिसाब-किताब संसद में देगी। इटली की अदालत के फैसले के बाद से सरकार उसका अनुवाद करवाने में जुटी थी। संबंधित दस्तावेजों का भी अनुवाद करवाया जा रहा था। इसलिए राजनीतिक स्तर पर तो इसका जवाब दिया जा रहा था, मगर सरकार संसद में तथ्य नहीं रख पा रही थी। अब रक्षा मंत्री तारीख और संबंधित लोगों के ब्योरे सहित सौदे का पूरा घटनाक्रम पेश करेंगे। इसमें बताया जाएगा कि वीवीआइपी हेलीकाप्टर सौदे के लिए पहले क्या नियम रखे गए। फिर एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कब और कैसे बदला गया।
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इस मामले में सरकार किस तरह कांग्रेस पर हमलावर रहेगी, इसका नमूना पर्रिकर ने रविवार को पेश कर दिया। उन्होंने सवाल किया कि आरोपी कंपनियों के खिलाफ पिछली सरकार के दौरान कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उनको काली सूची में क्यों नहीं डाला गया?
इटली की अदालत में रिश्वत देने वालों के खिलाफ फैसला आने के बाद से कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई थी। इसके नेताओं ने कहा था कि पिछली सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड को काली सूची में डाल दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे इस सूची से हटा दिया। उसे ‘मेक इन इंडिया’ का साझीदार बनाकर काफी फायदा भी पहुंचाया है। पर्रिकर इस पर विपक्ष को गलत साबित करने वाले हैं। रविवार को भी उन्होंने कहा कि अगर पिछली सरकार के दौरान इस कंपनी को काली सूची में डाला गया था, तो कांग्रेस वह आदेश दिखाए।
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