तीन साल में दोगुना होगा भारत का रक्षा उत्पादन: पार्रिकर
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अगले तीन साल में रक्षा क्षेत्र का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद जताई है। वह सोमवार को यहां स्वदेश निर्मित पहली पनडुब्बी के जलावतरण समारोह में बोल रहे थे। मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा फ्रांस के तकनीकी सहयोग से निर्मित उक्त पनडुब्बी भारतीय नौसेना की

मुंबई। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अगले तीन साल में रक्षा क्षेत्र का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद जताई है। वह सोमवार को यहां स्वदेश निर्मित पहली पनडुब्बी के जलावतरण समारोह में बोल रहे थे। मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा फ्रांस के तकनीकी सहयोग से निर्मित उक्त पनडुब्बी भारतीय नौसेना की महत्वाकांक्षी परियोजना-75 के तहत तैयार की गई है।
सितंबर, 2015 में 'कलवरी' नामक यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की सेवा में शामिल कर ली जाएगी। मझगांव डॉक में इसी श्रेणी की पांच और पनडुब्बियां तैयार हो रही हैं। डॉक अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में नौ-नौ माह के अंतराल पर ये पनडुब्बियां भारतीय नौसेना में शामिल होती रहेंगी।
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रक्षामंत्री पर्रिकर के अनुसार, पिछले वर्ष लिए गए त्वरित निर्णयों के फलस्वरूप भारतीय नौसेना लिए पनडुब्बियां एवं युद्ध पोत बनानेवाले मझगांव डॉक यार्ड के कामकाज में 22 से 25 फीसद सुधार आया है। उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र के स्वदेशी उत्पादन में और तेजी लाकर अगले तीन वर्ष में इसे दोगुना करना चाहती है। इन परियोजनाओं में निजी क्षेत्र को भी प्रवेश देने का संकेत देते हुए पर्रिकर ने कहा कि इन परियोजनाओं में देर होने की स्थिति में जिम्मेदार संस्थाओं पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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बता दें कि सोमवार को जलावतरित स्कॉर्पियन श्रेणी की 68 मीटर लंबी पनडुब्बी अपनी तरह की पहली स्वदेश निर्मित पनडुब्बी है। यह जल के अंदर के साथ-साथ जल की सतह पर भी प्रहार करने में सक्षम है। इसके अलावा पानी के अंदर सूचनाएं इकट्ठा करने, बारूद बिछाने एवं स्वयं को दुश्मन की निगाह से बचाते हुए क्षेत्र की निगरानी करने में भी यह समर्थ है। पिछले वर्ष कुछ पनडुब्बियों में हुई दुर्घटनाओं पर रक्षामंत्री ने कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं इनमें काम करने के लिए निर्धारित तौर-तरीकों का पालन न करने एवं लापरवाही के कारण होती हैं। निर्धारित तौर-तरीकों से काम करके इन्हें रोका जा सकता है।

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