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सैद्धांतिक रुप में मौत की सजा के खिलाफ हूं: गोपाल गांधी

गोपाल कृष्ण गांधी की नजर में फांसी की सजा गलत है। सैद्धांतिक रुप से वे इसे खत्म करने के पक्ष में हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 18 Jul 2017 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jul 2017 10:24 PM (IST)
सैद्धांतिक रुप में मौत की सजा के खिलाफ हूं: गोपाल गांधी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने याकूब मेनन की दया याचिका की पैरोकारी करने को लेकर सत्तापक्ष की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे बुनियादी रुप से फांसी की सजा के खिलाफ हैं। उनका यह भी कहना है कि महात्मा गांधी और बाबा साहब अंबेदकर भी मौत की सजा के विरोधी थे।

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उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के बाद मीडिया से रुबरू होते हुए गोपाल गांधी ने यह बात कही। मुंबई ब्लास्ट के दोषी मेनन की दया याचिका की पैरोकारी करने के लिए शिवसेना की आलोचना से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने कहा कि उनकी नजर में फांसी की सजा गलत है। उन्होंने कहा मृत्युदंड की सजा मध्ययुगीन काल की चीज है और सिद्धांत रुप से वे इसे खत्म करने के पक्ष में हैं।

गोपाल गांधी ने कहा कि केवल मेनन ही नहीं पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ भी उन्होंने इसी तरह का पिटीशन भेजा है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार ने साफ कहा कि महात्मा गांधी और अंबेदकर दोनों उनकी प्रेरणा हैं और वे दोनों मौत की सजा की व्यवस्था खत्म करने के हिमायती थे।

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