डौंडिया खेड़ा: खजाने की तलाश में दूसरे दिन भी खुदाई जारी
उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में दूसरे दिन शनिवार को एक बार फिर से खुदाई शुरू कर दी गई है। पूरे देश की नजर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के किले पर टिकी हुई हैं। शुक्रवार को यहां करीब छह इंच ही खुदाई हो पाई। खुदाई कर रही पुरातत्व विभाग की टीम का कहना है कि खुदाई करीब एक महीना चलेगी।
लखनऊ। उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में दूसरे दिन शनिवार को एक बार फिर से खुदाई शुरू कर दी गई है। पूरे देश की नजर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के किले पर टिकी हुई हैं। शुक्रवार को यहां करीब छह इंच ही खुदाई हो पाई। खुदाई कर रही पुरातत्व विभाग की टीम का कहना है कि खुदाई करीब एक महीना चलेगी।
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भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके में शुक्रवार को धारा 144 लगा दी थी। इसके अलावा इसके करीब तीन किलोमीटर इलाके की घेराबंदी कर भारी संख्या में पीएसी फोर्स तैनात की गई है। इस घेराबंदी से लोगों के अलावा मीडिया को भी दूर ही रखा गया है। लेकिन खजाने के निकलने से पहले ही इसके दावेदार भी लगातार सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार ने खजाने पर पहले अधिकार का दावा ठोक दिया है, तो दूसरी तरफ भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने त्रिची में कहा है कि सपने के आधार पर खजाने की खोदाई देश की किरकिरी है।
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पहले दिन केवल छह इंच मिट्टी खोदी गई है। अभी कुछ ठोस मिलने में वक्त लगेगा। खजाने का सच अभी भूमि की कोख में है लेकिन बाहर मालिकाना हक को लेकर मेरा-मेरा चल निकला है। राज्य के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि स्वर्ण भण्डार निकलता है तो उस पर पहला हक राज्य का होगा। जिसका इस्तेमाल क्षेत्र व प्रदेश के विकास पर होगा। उन्होंने कहा कि डौंडियाखेड़ा में खोदाई पर राज्य सरकार की पूरी नजर है।
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समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने भी डौंडियाखेड़ा के खजाने पर यूपी सरकार के अधिकार का दावा किया है। डौडियाखेड़ा में यदि खजाना मिला तो उस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का ही कब्जा होगा। ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के अनुसार यदि किसी स्थान पर जमीन के एक फिट नीचे अचानक खजाना मिलता है तो उस पर हक भूमि मालिक व जिलाधिकारी का होता है। डौडियाखेड़ा में पुरातत्व सर्वेक्षण नियोजित उत्खनन कर रहा है। इसलिए यहां जो भी पुरावशेष प्राप्त होंगे फिर वह चाहें सोना ही क्यों न हो उसपर एएसआई का अधिकार होगा।
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एएसआइ उसे सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए राज्य सरकार की मदद ले सकती है। जब तक पुरातात्विक अवशेषों की पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं हो जाती उसका विभाजन नहीं किया जा सकता। उस पर सीधे राज्य का कोई अधिकार नहीं होगा। यदि केंद्र सरकार चाहेगी तो वह राज्य को हिस्सा दे सकती है। मुजफ्फरनगर के मांडी में खेत में जो खजाना मिला था वह अचानक मिला था। इसलिए ट्रेजर ट्रोव एक्ट के तहत खेत मालिक को कुछ हिस्सा देने के बाद एएसआई ने राज्य संग्रहालय व नेशनल म्यूजियम शेष वस्तुएं दे दी थीं जो राज्य संग्रहालय में संग्रहीत हैं।
किले में खुदाई शुरू, बाहर हुजूम:-
खजाने की खोज के लिए शुक्रवार को शोभन सरकार ने राजा राव रामबक्श सिंह के किले में सुबह पहर भूमि पूजन कर हवन कुंड में आहुतियां डालीं। उसके बाद तीन आचार्यो ने पांच घंटे यज्ञपाठ किया। दोपहर 12 बजे क्षेत्रीय विधायक, डीएम व एसपी ने किले में गैंती चलाकर खोदाई का श्रीगणोश किया। शोभन सरकार कैमरे के सामने नहीं आते, इसलिए उन्होंने मीडिया को सुबह 4 बजे खजाना दिखाने का कोरा भरोसा दिया और किले में चुपचाप भूमि पूजन कर आए।
पुलिस व पीएसी ने पूरे किले को कब्जे में ले रखा है। किसी को बिना अनुमति अंदर जाने की इजाजत नहीं है। खजाने की खोदाई की गूंज इतनी व्यापक है कि सारा गांव किले के किनारे पूरा दिन जमा रहा। गांव में सन्नाटे सा आलम रहा। लोगों को किले तक जाने से रोकने के लिए पुलिस ने बेरीकेडिंग कर रखी है।
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