..तो ये है उन्नाव खजाने के दावेदारों की लंबी सूची!
खजाना निकालने के लिए जैसे-जैसे खुदाई का काम तेज हो रहा वैसे ही अब इस वंश के वारिश के नामों की भी लिस्ट बढ़ती जा रही है। एक नजर में देखें डौंडियाखेडा रियासत की सूची में शामिल नाम
दिल्ली। खजाना निकालने के लिए जैसे-जैसे खुदाई का काम तेज हो रहा वैसे ही अब इस वंश के वारिश के नामों की भी लिस्ट बढ़ती जा रही है। एक नजर में देखें डौंडियाखेडा रियासत की सूची में शामिल नाम
पढ़ें: उन्नाव खजाने से पहले निकले विवाद
राव बंसत सिंह के दो बेटे
राजा राव रामबक्स सिंह (इन्हें डौंडियाखेडा की रियासत मिली। इनके दो रानियां थीं। कहा जाता है कि इनकी दोनों बेटियों ने रामबक्स सिंह को फांसी के बाद जल समाधि ले ली थी। रानियां कालाकांकर चली गई थीं ।
2-और देवी बक्स सिंह ( इन्हें पुरवा की रियासत मिली )
देवी बक्स सिंह के दो बेटे
1 गिरिजा बक्स सिंह (नि:संतान थे)
2--उदित नारायण सिंह (इन्हें राजा राव बक्स सिंह की रानियों ने गोद लिया था)
उदित नारायण के दो बेटे
।-लाल महादेव सिंह (पत्नी की छह माह में मृत्य हो गई रानी इंद्रपाल कुंवर)
2-राव चंद्रशेखर सिंह
राव चंद्रशेखर सिंह के पुत्र
--शंभूभान सिंह
शंभूभान सिंह के तीन पुत्र
1 राव चंडी वीर प्रताप सिंह
2 राव अंबी वीर प्रताप सिंह
3 राजेश प्रताप सिंह ( ये लोग पुरवा के गली गढी में रह रहे हैं)
राजेश प्रताप सिंह को तीन जून 1977 को तत्कालीन डीएम उन्नाव नृपेंद्र मिश्र ने प्रमाण पत्र दिया कि ये राव रामबक्स के वंशज हैं। इनका कहना है कि किले में मिलने वाले खजाने से किले का पुराना गौरव वापस किया जाये और गांव तथा क्षेत्र का विकास कराया जाय। इसके अलावा उनके वंशज को वहां स्थापित किया जाय।
खजाना होने की बात सामने आने के बाद अकबरपुर में शिव प्रताप सिंह और उनके भाई कृष्ण प्रताप सिंह आदि ने भी राजा राव बक्स सिंह के वंशज होने का दावा किया है। इनका भी कहना है कि खजाना मिलने पर राजा राव के चिराग को स्थापित करने के साथ उनके सभी वंशजों को यहां स्थापित किया जाय।
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