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    खजाने की खोज का कार्य शुरू

    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के दल ने शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार डौंडियाखेड़ा स्थित राजा राव रामबख्श सिंह के किले में खजाने के लिए उत्खनन का काम शुरू कर दिया। पहले दिन करीब छह इंच गहराई तक मिंट्टी हटाई जा सकी। संत शोभन सरकार की सूचना के आधार पर हो रहे उत्खनन में एक हजार टन सोना निकलने का दावा किया गया है।

    By Edited By: Updated: Sat, 19 Oct 2013 05:25 AM (IST)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, उन्नाव। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दल ने शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार डौंडियाखेड़ा स्थित राजा राव रामबख्श सिंह के किले में खजाने के लिए उत्खनन का काम शुरू कर दिया। पहले दिन करीब छह इंच गहराई तक मिंट्टी हटाई जा सकी। संत शोभन सरकार की सूचना के आधार पर हो रहे उत्खनन में एक हजार टन सोना निकलने का दावा किया गया है।

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    पढ़ें : सोशल मीडिया पर खजाने की जंग: कोई बता रहा फर्जी तो किसी को है भरोसा

    शुक्रवार भोर में संत शोभन सरकार ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से भूमि पूजन किया और उन स्थानों पर निशान लगाए-जहां पर एएसआइ को खोदाई करनी है। इसके बाद एएसआइ के उप निदेशक पीके मिश्र के नेतृत्व में 12 सदस्यों के दल ने कार्य प्रारंभ कराया। पहला फावड़ा उन्नाव के जिला मजिस्ट्रेट विजय किरण आनंद ने चलाकर कार्य का शुभारंभ किया। खजाना निकलने की समयसीमा पूछे जाने पर संत शोभन सरकार ने कहा कि इस बारे में सही जानकारी भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के विशेषज्ञ दे सकते हैं। उन्हीं ने जमीन के भीतर धातु दबी होने की जानकारी दी है। सरकार ने कहा है कि एक हजार टन सोना एक स्थान पर ही दबा हुआ है लेकिन उसके लिए उत्खनन कई स्थानों से करना होगा।

    कार्य स्थल पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। किले के चारों ओर पुलिस का घेरा है। किले के आसपास लोगों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है। लोगों और मीडिया की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए इलाके में बेरिकेडिंग भी की गई है। खजाने के प्रति उत्सुकता का भाव लिए हजारों लोग रोज किले के पास जुट रहे हैं। खाने-पीने और जरूरी सामान की तमाम दुकानें सज जाने से वहां मेले जैसे हालात बन गए हैं।

    स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे राजा राव रामबख्श सिंह सन 1857 में अंग्रेजों से लड़ाई में शहीद हो गए थे। यह खजाना उन्हीं का माना जा रहा है। पिछले दिनों इसकी जानकारी संत शोभन सरकार ने केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत को दी। उसी के बाद जीएसआइ और एएसआइ सक्रिय हुए।

    खजाना मिले तो किले की मरम्मत भी हो

    19 वीं शताब्दी के शासक राजा राव रामबख्श सिंह के वंशज चंडी वीर प्रताप सिंह (56) ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि अगर खजाना मिलता है तो उसका 20 प्रतिशत हिस्सा किले की मरम्मत और पास के कस्बे के विकास कार्यो पर भी खर्च किया जाए। उन्होंने उत्खनन कार्य की देखरेख के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग उत्तार प्रदेश सरकार से की है।

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