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बागबानों के लिए खुला नया आशियां

उम्र की ढलान पर खड़े लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह प्रत्येक राज्य का दायित्व है। पहले हम संयुक्त परिवार में जी रहे थे और सहअस्तित्व के आधार पर सबका ख्याल होता था। एकल परिवारों के बढ़ते चलन ने बुजुर्गो को उपेक्षित कर दिया है।

By Edited By: Published: Fri, 05 Sep 2014 02:57 PM (IST)Updated: Fri, 05 Sep 2014 09:14 PM (IST)
बागबानों के लिए खुला नया आशियां

पटना। उम्र की ढलान पर खड़े लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह प्रत्येक राज्य का दायित्व है। पहले हम संयुक्त परिवार में जी रहे थे और सहअस्तित्व के आधार पर सबका ख्याल होता था। एकल परिवारों के बढ़ते चलन ने बुजुर्गो को उपेक्षित कर दिया है। ऐसे में जागरण और पहल का वृद्धालय स्थापना का प्रयास सराहनीय है। जरूरत इस बात की है कि जिला व ब्लॉक स्तर पर सरकार की ओर से वृद्धाश्रमों की स्थापना की जाए।

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मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को 'जागरण बागबान क्लब' व 'पहल-द इनिशिएटिव' के संचालन में उत्तरी एसके पुरी में स्थापित अत्याधुनिक आवासीय सुविधायुक्त, 'वृद्धालय' का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में जागरण प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक सुनील गुप्त ने कहा कि हम वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ी हमारा सम्मान नहीं करेगी। बिहार में इस योजना का क्रियान्वयन एक मॉडल रूप में शुरू किया है और इसका विस्तार अन्य राज्यों में भी होगा। इस मौके पर पहल के सीईओ आनंद माधव ने बागबान प्रोजेक्ट और बागबान क्लब के बारे में बताया। कहा, बुजुर्गो की समस्याओं को लेकर दैनिक जागरण ने 135 दिन चौपाल लगाई और योजना के लिए 35 लाख रुपये भी दिए।

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