रंग लाई 'दैनिक जागरण' की पहल
गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए 'दैनिक जागरण' की ओर से की गई पहल रंग ला रही है। सरकार ने बृहस्पतिवार को 'नमामि गंगे' मिशन का एलान कर जागरण की इस पहल पर मुहर लगा दी। सरकार ने गंगा और यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए भी एक योजना शुरू की है। नदियों की दयनीय स्थिति के साथ ह
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए 'दैनिक जागरण' की ओर से की गई पहल रंग ला रही है। सरकार ने बृहस्पतिवार को 'नमामि गंगे' मिशन का एलान कर जागरण की इस पहल पर मुहर लगा दी। सरकार ने गंगा और यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए भी एक योजना शुरू की है। नदियों की दयनीय स्थिति के साथ ही घाटों की दुर्दशा का मुद्दा भी दैनिक जागरण लगातार उठाता रहा है।
अपने पांच करोड़ से अधिक पाठकों के साथ दैनिक जागरण ने गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए गंगा जागरण अभियान शुरू किया है। इसके तहत विशेष रूप से सुसज्जित एक रथ देवप्रयाग से शुद्ध गंगाजल लेकर करीब 3000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने गंगासागर के लिए रवाना हुआ है।
खास बात यह है कि दैनिक जागरण की इस पहल से केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारों के मंत्री संसद सदस्य, स्थानीय निकायों के पदाधिकारी, जिला प्रशासन और आम लोग जुड़े हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में जब नमामि गंगे मिशन की घोषणा की तो सदन में खचाखच भरे सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया।
बजट पेश होने के बाद केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने यह मिशन शुरू करने के लिए वित्त मंत्री को खास तौर पर धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि देव प्रयाग से रवाना हुए गंगा जागरण रथ को उमा भारती ने 28 जून को ऋषिकेश से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
गंगा जागरण की शुरुआत के दिन 28 जून को ही दैनिक जागरण ने खबर दी थी कि गंगा को अपने नौवें रत्न से आस। इस खबर बताया गया था कि गंगा के इलाके से प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी नौवें व्यक्ति हैं। इससे पहले आठ प्रधानमंत्री गंगा को अविरल और निर्मल नहीं बना सके। इसलिए गंगा को अब मोदी से ही आस है।
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