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    सीडी के सहारे कांग्रेस का नरेंद्र मोदी पर हमला

    By Edited By:
    Updated: Wed, 04 Sep 2013 08:54 AM (IST)

    एक कथित पत्रकार के स्टिंग ऑपरेशन ने कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुख्य चेहरा माने जा रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले का ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एक कथित पत्रकार के स्टिंग ऑपरेशन ने कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुख्य चेहरा माने जा रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले का मौका दे दिया है। कांग्रेस ने इस स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी कर तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले में मोदी को लपेटा और उनके इस्तीफे की मांग की। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या के मुख्य गवाह तुलसीराम को गुजरात पुलिस ने दिसंबर, 2006 में एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। इस मुठभेड़ के लिए मोदी के करीबी अमित शाह और गुजरात के आला पुलिस अधिकारियों पर कोर्ट में केस चल रहा है।

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    पढ़ें : मोदी ने मनमोहन सिंह पर फिर बोला हमला

    कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को एक सीडी दिखाई गई और दावा किया गया कि इसमें तुलसीराम मुठभेड़ मामले को रफा-दफा करने के लिए भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर और भूपेंद्र यादव कोरे वकालतनामों पर दस्तखत कराने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस संपर्क विभाग के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि तुलसीराम की हत्या के लिए रची गई पूरी साजिश की जानकारी गुजरात के मुख्यमंत्री को थी। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर को भी इसकी जानकारी थी। माकन ने कहा कि जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती मोदी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। अगर वह पद पर बने रहेंगे तो जांच में हस्तक्षेप करेंगे।

    सियासी सरगर्मी लाने वाली यह सीडी एक दिन पहले खुद को स्वतंत्र पत्रकार बताने वाले पुष्प शर्मा ने जारी की थी। इसमें जावड़ेकर के साथ भूपेंद्र यादव और भाजपा के संगठन महामंत्री रामलाल का नाम भी सामने आया है। शर्मा के मुताबिक तुलसीराम की मां नर्मदा प्रजापति से छह कोरे वकालतनामे साइन कराए गए, जिनका इस्तेमाल वकीलों को बदलने में भी किया गया। कांग्रेस का आरोप है कि मामले को कमजोर करने के लिए भाजपा ने अपने ही वकील को तुलसीराम का केस लड़ने के लिए खड़ा कर दिया।

    शर्मा के मुताबिक उसने यह सीडी सितंबर, 2010 से नवंबर, 2012 के बीच तैयार की थी। उसने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की है जिसमें पूरी घटना की सीबीआइ जांच और अमित शाह को मिली जमानत रद करने की मांग की गई है। भाजपा के लिए हालांकि राहत की बात यह हो सकती है कि अब तक तुलसीराम की मां के दस्तखत वाले वकालतनामे को कोर्ट में पेश नहीं किया गया है और किसी गंभीर आरोप में पीड़ित के कहने पर मामला कमजोर नहीं किया जा सकता।

    ''मुझे कांग्रेस पर तरस आता है कि स्टिंग कराने के लिए उसने एक ऐसे कथित पत्रकार की मदद ली जिस पर ब्लैकमेलिंग कर वसूली का मामला है। दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर कोई भी इसे देख सकता है। कांग्रेस को ऐसी करतूतों से बाज आना चाहिए।'' - रविशंकर प्रसाद

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