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    कश्मीर में आम लोगों और आतंकियों के साथ एक जैसा व्यवहार क्योंः गुलाम नबी

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 18 Jul 2016 02:53 PM (IST)

    कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाजाद ने राज्यसभा में आज जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कश्मीर में आम लोगों के साथ जैसा बर्ताव हो रहा है उससे कांग्रेस इत्तेफाक नहीं रखती।

    नई दिल्ली। कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने आज राज्यसभा में कश्मीर में जारी हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार के साथ हैं मगर जिस तरह कश्मीर के आम लोगों के साथ व्यवहार किया जा रहा है उस पर वो सरकार के साथ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां के लोग इस हिंसा में मारे ना गए हों। उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों और आतंकियों के बीच कुछ तो फर्क होना चाहिए या नहीं?

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    आजाद ने कहा कि सरकार भरोसे और विश्वास से चलती है मगर जम्मू-कश्मीर की जनता के बीच केंद्र सरकार के प्रति भरोसे का अभाव है। उन्होंने आगे कहा कि मैं ये नहीं बोल रहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जम्मू-कश्मीर की जनता को केंद्र सरकार पर पूरा भरोसा था, मगर उनके मन के किसी कोने में विश्वास कायम था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात 1990 में भी नहीं थे।

    उन्होंने कहा कि क्या वजह है कि 10 दिन कर्फ्यू के बाद माहौल ठंडा नहीं, इसका मतलब जख्म गहरा है। कश्मीर से भयानक तस्वीरें आ रही हैं, आम लोगों और आतंकियों के बीच के फर्क को समझा जाए।

    मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस अौर बसपा सांसदों ने कई मुद्दों पर जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी।

    गुलाम नबी अाजाद के प्रश्नों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्मीर में लड़ाई देश बनाम अलगाववादियों का है। हमें ऐसे मसले पर दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर देखना चाहिए।

    इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में नए मंत्रियों का परिचय कराया। इसके बाद दुनियाभर में आतंकी हमलों के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। राज्यसभा में इसरो के वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धि पर बधाई भी दी गई।

    राज्यसभा में पीएम मोदी के नए मंत्रियों के परिचय के ठीक बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र और भाजपा पर हमला बोला। मायावती ने गुजरात के ऊना में दलित के उत्पीड़न की घटना को लेकर केंद्र पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से दलितों का शोषण हो रहा है। यह भाजपा और केंद्र सरकार की दलित मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने इस मामले को साजिश के तहत दबाने का आरोप लगाया। मायावती बार-बार अनुरोध के बाद भी रुकी नहीं और उन्होंने लगातार केंद्र और भाजपा पर हमला जारी रखा।

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    इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन में जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश के अलावा कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने पर राज्यसभा में कांग्रेस ने हंगामा किया। हंगामें के कारण राज्यसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित हुई, फिर दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित हो गई। इसके बाद दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

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    सत्र शुरु होने से पहले पीएम मोदी संसद परिसर में मीडिया से संक्षिप्त परिचर्चा के दौरान अच्छे मूड में दिखे। उन्होंने कहा कि 'आप सबको नमस्कार! इस बार 15 अगस्त को देश की आजादी के 70 साल हो जाएंगे। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 15 अगस्त के पूर्व यह सत्र हो रहा है। इसलिए आजादी के लिए जीवन न्योछावर करने वाले सभी महापुरुषों का स्मरण करते हुए इस सत्र में नई ऊंचाई छूने की कोशिश की जाएगी।'

    इससे पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की आशा जताते हुए कहा था कि पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग दलों से चर्चा हुई है, सामूहिक बातचीत भी हो रही है। इन चर्चाओं और बातचीत से यही भाव प्रकट हो रहा है कि सबका मूड अच्छे से अच्छा निर्णय करने का, तेज गति से आगे बढ़ने का है।'

    इससे पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी तीखे तेवर दिखाए थे। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, कि कांग्रेस पार्टी सरकार से अरुणाचल और कश्मीर मुद्दे पर जवाब मांगेगी। वहीं सीपीएम के राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने जीएसटी मुद्दे पर कहा था कि सरकार को सभी दलों को इस मुद्दे पर विश्वास में लेना चाहिए।

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