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यूपी विधानसभा चुनाव : कांग्रेस बस यात्रा से लेकर आरक्षण तक हर दांव चलने को तैयार

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। आम लोगों के बीच पहुंचने के लिए कांग्रेस के कद्दावर नेता दिल्ली से कानपुर तक दौरा करेंगे।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 22 Jul 2016 12:40 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 04:59 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव : कांग्रेस बस यात्रा से लेकर आरक्षण तक हर दांव चलने को तैयार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सम्माजनक सियासी हैसियत पाने के लिए बेचैन कांग्रेस हर तरह के दांव चलने में कोई गुरेज नहीं करना चाहती। इसलिए बस यात्रा निकालने से लेकर गरीब सवर्णो को आरक्षण का सब्जबाग दिखाकर उन्हें रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। अगड़ों से आरक्षण का वादा तो अभी पार्टी के विचार मंथन की दीवारों में है मगर दिग्गजों की दिल्ली से कानपुर तक की तीन दिनी बस यात्रा निकालने का तो एलान पार्टी ने कर दिया है।

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कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह और प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद इस बस यात्रा के चार प्रमुख चेहरे होंगे। 27 साल उप्र बेहाल के नारे के साथ चुनाव में अपनी मौजूदगी का अहसास कराने में जुटी कांग्रेस की इस बस यात्रा को खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी हरी झंडी दिखाकर 23 जुलाई को रवाना करेंगी।

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इस यात्रा के पहले दिन कांग्रेसी नेता दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए पहले दिन मुरादाबाद में पड़ाव डालेंगे। दूसरे दिन वहां से रामपुर, बरेली होते हुए शाहजहापुर पहुंचेंगे। तीसरे दिन यहां से हरदोई और कन्नौज होते हुए कानपुर में बस यात्रा खत्म होगी। इस मौके पर कानपुर में अच्छी खासी तादाद में कांग्रेसियों को एकत्रित करने की पार्टी की तैयारी है। बस यात्रा में प्रमोद तिवारी और प्रदीप माथुर भी शामिल होंगे।

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उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियों के लिए इस दफा तेजी से अपने फैसले कर रही कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में अगड़ों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का वादा किया जा सकता है। इस पर विचार मंथन का दौर पार्टी में चल रहा है। लेकिन आरक्षण की वैधानिक हकीकत कांग्रेस के चुनावी वादा करने की राह में बड़ी बाधा है।

सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से अधिक नहीं होने की कानूनी परिधि तय कर रखी है। इस हकीकत के बीच कांग्रेस अगर आरक्षण का चुनावी वादा करती है तो फिर यह केवल हवा-हवाई न लगे, इसका आधार तैयार करने पर मंथन चल रहा है। उप्र के अपने चुनाव घोषणापत्र को पार्टी लोगों की राय के आधार पर बनाएगी और आरक्षण को लेकर भी इसमें फीडबैक शामिल होगा।

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