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    सादगी का मतलब योग्यता नहीं

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    Updated: Tue, 11 Feb 2014 10:04 AM (IST)

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब भाजपा के मनोहर पार्रिकर से जूझना होगा। सादगी को चुनावी नारा बनाकर दिल्ली में सत्ता पर काबिज हुए केजरीवाल के आभामंडल को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने भी आइआइटी इंजीनियर व गोवा के मुख्यमंत्री को मैदान में उतार दिया है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब भाजपा के मनोहर पार्रिकर से जूझना होगा। सादगी को चुनावी नारा बनाकर दिल्ली में सत्ता पर काबिज हुए केजरीवाल के आभामंडल को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने भी आइआइटी इंजीनियर व गोवा के मुख्यमंत्री को मैदान में उतार दिया है। स्थायी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देते रहे पार्रिकर ने केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, 'सादगी का मतलब योग्यता नहीं है। योग्यता साबित करने के लिए कुशल शासन देने की जरूरत होती है।'

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    पढ़ें:मनोहर पार्रिकर ने आयकर में राज्यों के लिए मांगा हिस्सा

    दिल्ली में आप के आश्चर्यजनक उदय ने भाजपा को सतर्क कर दिया था। खासकर युवाओं के बीच आप की पकड़ को कमजोर करने के लिए भाजपा ने अपने सबसे सादगी पसंद मुख्यमंत्री को आगे किया है। पार्रिकर न सिर्फ केजरी से काफी पहले से मुख्यमंत्री की कमान संभालते रहे हैं बल्कि केजरी की तरह ही वह भी आइआइटी के छात्र रहे हैं। एक तरह से अपने शासन में वह सब कुछ साबित कर चुके हैं जिसका केजरीवाल वादा कर रहे हैं।

    पार्रिकर समेत पार्टी के नेता अलग-अलग शहरों में जाकर बुद्धिजीवियों से बात करेंगे। सोमवार को दिल्ली में मौका मिला तो उन्होंने केजरीवाल का नाम लिए बगैर उनकी नीतियों से लेकर कामकाज के तरीके को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, 'सादगी का मतलब योग्यता नहीं है और न ही यह प्रचार करने की चीज है। अच्छा प्रशासक कभी मैदान नहीं छोड़ता है।' ध्यान रहे कि केजरीवाल ने जनलोकपाल विधेयक पारित न होने की दशा में इस्तीफे की धमकी दे दी है। यह पूछे जाने पर कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने पर क्या वह दिल्ली जाएंगे? पार्रिकर का कहना था कि उनका केंद्र की राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। मैं गोवा का मुख्यमंत्री हूं और वहीं रहूंगा। मैं खुश हूं।

    गोवा में अपने कामकाज का हवाला देते हुए उन्होंने सबसे सस्ता पेट्रोल उपलब्ध कराने का जिक्र किया। दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, 'मैं गोवा में मनोरंजन कर कम नहीं कर सका.लेकिन दिल्ली में तो रोज ही मनोरंजन होता है।' पार्रिकर ने राहुल गांधी पर तंज कसा और कहा कि अगर किसी को शहजादा नाम से परेशानी होती है तो उसे राजकुमार कहेंगे।

    आप के अंदर के विरोधाभास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अपने कार्यक्रमों में भारत माता की जय का नारा लगाती है, लेकिन कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग करती है। यह कैसी देशभक्ति है जो अखंडता पर ही सवाल खड़े।

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