नोटबंदी : आगे निकलने की होड़ में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी पंजाब में भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने को ले कर गंभीरता से सोच रही है।
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर पूरी एकजुटता दिखा चुके ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल अब इस मुद्दे पर किसी भी कीमत पर एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं। ऐसे में केजरीवाल ने अपने चुनावी राज्यों को छोड़ अन्य छह शहरों में रैलियों का एलान कर दिया तो ममता ने भी ऐसी ही तैयारी कर ली है। खास बात है कि उत्तर प्रदेश में तो ममता अब केजरीवाल से अलग अपनी रैलियां करेंगी ही, पंजाब में अपने उम्मीदवार भी उतारने की तैयारी में हैं।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी पंजाब में भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने को ले कर गंभीरता से सोच रही है। वे कहते हैं कि पार्टी ने वहां आप का समर्थन जरूर किया है, मगर वहां कई वरिष्ठ नेता तृणमूल में शामिल हुए हैं, जिनके लिए पार्टी को सोचना होगा। इस बारे में पूछने पर पार्टी प्रवक्ता और सांसद डेरिक ओ ब्रायन सीधे तो कुछ नहीं कहते, मगर इतना जरूर
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कहते हैं, 'हमारी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसका नाम ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस है।' हालांकि आप के नेता भी इस तरह की तैयारी से पूरी तरह इंकार करते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह इस बारे में पूछने पर कहते हैं, 'जहां तक मेरी जानकारी है, तृणमूल की ओर से पंजाब में हमारी पार्टी को बिना शर्त समर्थन दिया जा रहा है।'
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नोटबंदी को ले कर दोनों नेताओं ने पिछले दिनों खूब एकजुटता दिखाई थी। इस मुद्दे पर विपक्ष की एकजुट की अपील करते हुए ममता बनर्जी पिछले बुधवार को जैसे ही दिल्ली पहुंची थीं, केजरीवाल उनसे मिलने पहुंच गए थे। अगले दिन दिल्ली की आजादपुर मंडी में दोनों ने साझा रैली को संबोधित किया और उसके बाद दोनो साथ मिल कर रिजर्व बैंक भी पहुंचे थे। मगर इस मुद्दे को ले कर दोनों में आगे निकलने की पूरी होड़ है।
हाल यह है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) भले ही सिर्फ पंजाब और गोवा में चुनाव लड़ रही हो, लेकिन इन चुनाव के सर पर होने के बावजूद उन्होंने दूसरे राज्यों में नोटबंदी के मुद्दे पर ही छह रैलियों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश चुनाव में केजरीवाल ने ना तो उम्मीदवार खड़े किए हैं और ना ही किसी को समर्थन का एलान किया है।
लेकिन यहां वे नोटबंदी पर तीन रैलियां करेंगे। इसमें एक दिसंबर को मेरठ और सात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के साथ ही 18 को राज्य की राजधानी लखनऊ भी शामिल है। इसी तरह नोटबंदी के बहाने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में केजरीवाल ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 20 दिसंबर, झारखंड की राजधानी रांची में 22 दिसंबर और राजस्थान की राजधानी जयपुर में 23 दिसंबर को जनसभाएं करने की घोषणा कर दी है।
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लगे हाथों ममता बनर्जी ने भी उत्तर प्रदेश में इसी मुद्दे पर 29 को लखनऊ में रैली की घोषणा कर दी है। पश्चिम बंगाल में दुबारा चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनीं तृणमलू कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अब राज्य के बाहर अपने विस्तार को ले कर बहुत उत्सुक हैं। लखनऊ के अगले दिन वे पटना में ऐसा ही कार्यक्रम करेंगी और उसके बाद चंडीगढ़ में भी उनका ऐसा ही कार्यक्रम है।
आप नेताओं ने पंजाब में तृणमूल के किसी कार्यक्रम की जानकारी से इंकार किया। तृणमूल नेता मुकुल राय पंजाब में कई नेताओं से संपर्क में हैं। कांग्रेस से निकाले जा चुके पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बीर देविंदर सिंह भी राष्ट्रपति भवन के मार्च में ममता के साथ थे। उधर, पूर्व सांसद जगमीत सिंह बरार को तृणमूल ने पंजाब में अपना कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया है।
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