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    तमिलनाडु: पलानीस्वामी ने जीता विश्वासमत, पक्ष में पड़े 122 विधायकों के वोट

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Sat, 18 Feb 2017 05:37 PM (IST)

    विश्वास मत के दौरान तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के पक्ष में 122 विधायकों ने वोट दिया।

    तमिलनाडु: पलानीस्वामी ने जीता विश्वासमत, पक्ष में पड़े 122 विधायकों के वोट

    चेन्नई, जेएनएन। तमाम हंगामें के बीच शनिवार को आखिरकार तमिलनाडु विधानसभा में शशिकला के करीबी और राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने विश्वास मत जीत लिया। उनके पक्ष में 122 विधायकों के वोट पड़े जबकि उनके खिलाफ ग्यारह वोट डाले गए। 29 साल के तमिलनाडु के इतिहास में यह पहला मौका जब विधानसभा में विश्वास मत साबित करना पड़ा है।

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    जमकर हुआ हंगामा

    पलानीस्वामी के विश्वास मत पेश करने के बाद सीक्रेट बैलेट वोटिंग की मांग पर तमिलनाडु विधानसभा के अंदर जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर पी. धनपाल की तरफ से सीक्रेट वोटिंग की मांग खारिज करने के बाद डीएमके विधायकों ने स्पीकर के सामने की टेबल तोड़ दी, कागज फाड़ दिए और विधानसभा के प्रेस कक्ष में रखे ऑडियो स्पीकर का कनेक्शन काट दिया और स्पीकर की शर्ट फाड़ दी।

    सदन में बुलाए गए मार्शल

    इससे पहले सदन में हंगामा बढ़ते देखकर मार्शल बुला लिए गए, इस दौरान एक अधिकारी घायल हो गए, जिन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीएमके के विधायक कु का सेल्वम विरोध प्रदर्शन करते हुए स्पीकर की कुर्सी पर जा बैठे। सदन के अंदर भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा को पहले दोपहर एक बजे तक और फिर उसके बाद दोबारा तीन बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

    विधानसभा में सीक्रेट बैलट वोटिंग पर भारी शोर-शराबा

    डीएमके विधायकों को निकालने का आदेश

    स्पीकर पी. धनपाल ने असेंबली पुलिस को आदेश दिया है कि वह डीएमके विधायकों को सदन से बाहर निकाले। स्पीकर ने आगे कहा कि डीएमके विधायकों ने मेरा अपमान किया और मेरी शर्ट फाड़ दी जिसके बाद मैं वह काम करने जा रहा हूं जो कानून के तहत है। इससे पहले, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विश्वासमत से ठीक पहले वहां के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए थे ताकि किसी तरह का कोई अवरोध उत्पन्न ना हो।

    हंगामे के दौरान डीएमके विधायकों ने फाड़े कागज, तोड़ी टेबल

    विपक्ष बोला इतनी जल्दी किसलिए

    स्टालिन ने कहा कि जब गवर्नर ने 15 दिन का वक्त दिया है तो इतनी जल्दी क्या है। वहीं, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि विधायकों को जनता से मिलने का वक्त देना चाहिए। इसके बाद ही विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग होनी चाहिए। वहीं, स्पीकर पी धनपाल ने कहा कि वोटिंग कैसी होनी है, इस बात को लेकर मेरे फैसले में कोई दखल नहीं दे सकता।

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