पैंतालीस हजार करोड़ का पोंजी घोटाला
पोंजी स्कीमों के जरिये आम निवेशकों को लूटने का सिलसिला जारी है। बीते शनिवार को सीबीआइ की छापेमारी के बाद एक भारी-भरकम पोंजी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली। पोंजी स्कीमों के जरिये आम निवेशकों को लूटने का सिलसिला जारी है। बीते शनिवार को सीबीआइ की छापेमारी के बाद एक भारी-भरकम पोंजी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों के आधार पर जांच एजेंसी ने दावा किया है कि दिल्ली स्थित दो कंपनियों ने ऐसी स्कीमों के जरिये पांच करोड़ लोगों को 45,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
पीएसीएल लिमिटेड और पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नामक कंपनियों ने यह रकम जमाकर्ताओं को जमीन के जरिये रिटर्न देने के नाम पर जुटाई है। इस मामले में सीबीआइ ने पीजीएफ के डायरेक्टर निर्मल सिंह भंगू व पीएसीएल के सुखदेव सिंह के अलावा दोनों कंपनियों के छह अन्य निदेशकों को आरोपी बनाया है। कंपनियों ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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सीबीआइ के प्रवक्ता ने बताया कि इन कंपनियों ने सामूहिक निवेश स्कीमों के जरिये भारी-भरकम रकम जुटाई है। इन स्कीमों में निवेशकों से कृषि भूमि विकसित कर उसकी बिक्री के जरिये भारी रिटर्न देने का वादा किया गया है। शुरुआत में इसे छोटा मामला माना जा रहा था, मगर छापेमारी के दौरान जब्त लैपटॉप और दस्तावेजों की छानबीन से पता चला कि यह घोटाला कितना बड़ा है।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत छानबीन और छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। बीते शनिवार को जांच एजेंसी ने पीजीएफ और पीएसीएल के दिल्ली, चंडीगढ़, मोहाली, रोपड़ और जयपुर स्थित दफ्तरों पर छापे मारे थे। इस दौरान निवेशकों से जुटाई गई रकम के दस्तावेज और फंड के दुरुपयोग से संबंधित कागजात के अलावा कई लैपटॉप जब्त किए गए थे। शुरुआती जांच के बाद एजेंसी ने कहा था कि कंपनियों के निदेशकों व उनके सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सुबूत मिले हैं।
क्या है पोंजी स्कीम
पिरामिड जैसी संरचना वाली इन स्कीमों में निवेशकों को भारी रिटर्न का वादा किया जाता है। इनमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से जुटाई गई रकम रिटर्न के रूप में दी जाती है। पीएसीएल और पीजीएफ पर भी आरोप है कि ये अपनी पोंजी स्कीमों के जरिये आम जनता से बड़े पैमाने पर पैसे जमा करा रही हैं।

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