आम बजट से पहले लोगों को मिलेगी राहत, खत्म होगी नकदी निकासी की सीमा
सरकार अब नोट निकासी पर लगी मौजूदा सीमा को हटाने पर विचार कर रही है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। नए नोटों की आपूर्ति में काफी सुधार होने के बाद सरकार अब नोट निकासी पर लगी मौजूदा सीमा को हटाने पर विचार कर रही है। पहले चरण में बैंक शाखाओं से चेक या फार्म के जरिए नकदी निकालने की स्थिति नोटबंदी के पहले जैसी करने पर विचार कर रहा है। इस बात पर मंथन चल रहा है कि आम बजट के आस पास ऐसा कर दिया जाए। इसके एक पखवाड़े बाद एटीएम से कैश निकालने की सुविधा 08 नवंबर, 2016 से पहले वाली स्थिति में बहाल की जाएगी।
'नोटबंदी के बाद हालात सामान्य'
वित्तीय मामले के विभाग (वित्त मंत्रालय) के एक अधिकारी के मुताबिक नोट आपूर्ति की स्थिति देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य हो चुकी है या सामान्य होने के करीब है। पिछले शुक्रवार के रिकार्ड के मुताबिक दस लाख करोड़ रुपये के नए नोट सिस्टम में डाले जा चुके हैं और तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये के नोट देश के विभिन्न करेंसी चेस्टों में है। बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल व सभी दक्षिणी राज्यों, पूर्वोत्तर के राज्यों में नकदी के लिए ना तो बैंक शाखाओं में और ना ही एटीएम पर कोई भीड़ है।
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बैंकों के बाहर भीड़ हुई खत्म
दिल्ली व एनसीआर के इलाके (जहां नोटबंदी के बाद बैंकों व एटीएम पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई) में भी बैंक शाखाओं से भीड़ खत्म हो चुकी है। अन्य हिस्सों में एक हफ्ते में पर्याप्त नकदी पहुंचने लगेगी। इस हिसाब से बजट पेश होने के दिन तक या उसके एक-दो दिन पहले नकदी आहरण पर लगी मौजूदा सीमा खत्म होने के आसार हैं।
एटीएम से कैश निकालने की सीमा 4500 रुपये
सूत्रों के मुताबिक वैसे भी अभी बैंक खाता से नकदी आहरण को लेकर जो सीमा लगी है वह सिर्फ औपचारिकता भर है। नोटबंदी लागू होने के पहले के आंकड़े बताते हैं कि हर एटीएम से औसतन 3400 रुपये की राशि निकाली जाती थी। अभी आरबीआइ की तरफ से लगाई गई सीमा 4500 रुपये है। ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी हिस्सों में हर परिवार में कम से कम दो लोगों के बैंक खाते हैं।
यही वजह है कि एटीएम से भी दो तिहाई लोग एक से ज्यादा एटीएम से नकदी निकासी कर रहे हैं। इससे ज्यादा जिसे जरुरत है वह बैंक शाखा से 24 हजार रुपये तक की राशि प्रति सप्ताह निकाल रहा है। इसलिए नकदी निकासी पर सीमा लगाने का कोई बहुत मतलब नहीं रह गया है। नोट आपूर्ति को लेकर भी सरकार व रिजर्व बैंक आश्वस्त हो गये हैं।
31 जनवरी से बजट सत्र शुरू
सनद रहे कि 31 जनवरी, 2017 से संसद का बजट सत्र शुरु हो रहा है। इसके अगले दिन ही वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश होगा। कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने यह पहले ही ऐलान कर दिया है कि नोटबंदी और इससे आम जनता को हुई परेशानी का मुद्दा उनके एजेंडे में सबसे उपर रहेगा। यह भी एक वजह है कि सरकार नोटबंदी के लागू होने की सीमा के खत्म होने के एक महीने बाद भी नकद निकासी की सीमा को लेकर संसद में नहीं जाना चाहती।

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