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    साख पर बट्टा लगा रहे 'आप' के दबंग विधायक

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Fri, 17 Apr 2015 08:12 AM (IST)

    राजनीति की गंदगी को साफ करने का वादा कर दिल्ली की हुकूमत पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक खुद ही सियासत के दलदल में उतरते दिख रहे हैं। इन विधायकों की दबंगई की वजह से इन पर मुकदमे तो दर्ज हो ही रहे हैं, पार्टी की साख

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीति की गंदगी को साफ करने का वादा कर दिल्ली की हुकूमत पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक खुद ही सियासत के दलदल में उतरते दिख रहे हैं। इन विधायकों की दबंगई की वजह से इन पर मुकदमे तो दर्ज हो ही रहे हैं, पार्टी की साख पर भी बट्टा लग रहा है। समझा जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ऐसे विधायकों पर लगाम लगाने की कवायद में जुट गया है।

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    सूबे में सरकार बनने के महज दो महीने के भीतर पार्टी के पांच विधायकों पर मुकदमे दर्ज हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले मारपीट आदि से संबंधित हैं। जाहिर तौर पर इससे आम आदमी पार्टी की छवि को धक्का लग रहा है। अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली इस पार्टी को बीते विधानसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने विधानसभा की 70 में से 67 सीटें दी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिनों पूर्व हुई आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि उनके सभी विधायक हीरे हैं। लेकिन कुछ विधायक उनकी इस धारणा के विपरीत भी काम कर रहे हैं।

    सियासी जानकारों के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने किसी उम्मीदवार के नाम पर नहीं बल्कि साफ-सुथरी राजनीति करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी व इसके नेता केजरीवाल के नाम पर वोट डाले थे। जाहिर तौर पर पहली बार चुनाव जीते विधायकों के लिए यह एक बेहतर अवसर था। लेकिन इसका बेहतर उपयोग करने के बदले वे तरह-तरह के आरोपों में उलझ रहे हैं। हालांकि कुछ मामलों में सियासी अदावत की बात भी कही जा रही है।

    दिल्ली की नई विधानसभा के गठन के बाद जब पहली बैठक हुई तो विधायकों में सबसे ज्यादा नाराजगी दिल्ली पुलिस को लेकर दिखी। एक स्वर में विधानसभा में आप के विधायकों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ आवाज बुलंद की और आला अधिकारियों को विधानसभा में बुलाने की मांग भी की गई। उनकी नाराजगी का यह सिलसिला अब भी जारी है।

    आप के एक विधायक के गोदाम से चुनाव प्रचार के दौरान शराब पकड़े जाने की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है तो दूसरे विधायक पर एक हत्या आरोपी को संरक्षण देने का आरोप लग रहा है। किसी विधायक पर थाने में जाकर मारपीट करने का आरोप है तो कोई, जूनियर इंजीनियर से उलझ रहा है। बहरहाल, ऐसे संकेत हैं कि पार्टी की साख को बट्टा लगाने वाले विधायकों ने यदि अपना रवैया नहीं बदला तो इनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।

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