कैबिनेट की सहमति से किसानों के फसली ऋण चुकाने की मियाद बढ़ी
केंद्रीय कैबिनेट ने सहकारी बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए फसल लोन को चुकाने की अवधि में दो महीने और बढ़ा दिए हैं।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को नोटबंदी के बाद किसानों के नवंबर-दिसंबर 2016 में भुगतान किये जाने वाले फसली ऋण को लौटाने के लिए दो माह का अतिरिक्त समय के फैसले को मंजूरी दे दी है।
रबी फसलों के लिए सहकारी बैंकों से जिन किसानों ने शॉर्ट टर्म लोन लिए थे उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राहत देते हुए और 60 दिनों की मोहलत दी है। 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के कारण किसान इस कर्ज को चुका पाने में असमर्थ थे।
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कैबिनेट का लक्ष्य नोटबंदी से जूझ रहे किसानों को रबी की फसल के लिए फसल लोन दिलवाना है। इसके लिए सरकार NABARD के जरिये सहकारी बैंकों को अतिरिक्त पैसा मुहैया करवाएगी।
सरकार ने कहा कि ब्याज माफी का फायदा सहकारी बैंक मौजूदा वित्तीय साल में भी किसानों को पहुंचाएंगे। इस फैसले से सरकारी खजाने पर करीब 1060 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। किसानों के लिए कर्ज पर ब्याज माफी के लिए साल 2016-17 में जारी किए गए 15 हजार करोड़ रुपये पहले ही खर्च किये जा चुके हैं।
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