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    नए बजट से हर खेत को पानी और हर हाथ को काम सरकार का लक्ष्य : रघुवर

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Tue, 24 Jan 2017 07:22 AM (IST)

    बजट पेश करने के बाद मीडिया से रूबरू मुख्यमंत्री ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष का बजट अनुशासित ढंग से तैयार किया गया है।

    नए बजट से हर खेत को पानी और हर हाथ को काम सरकार का लक्ष्य : रघुवर

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में बेहतर वित्तीय प्रबंधन का दावा किया है। बजट पेश करने के बाद मीडिया से रूबरू मुख्यमंत्री ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष का बजट अनुशासित ढंग से तैयार किया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन से राज्य की गरीबी दूर होगी। हर बेरोजगार को काम देने की अवधारणा के साथ बजट तैयार किया गया है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बजट में कई प्रावधान किए हैं। हर खेत को पानी और हर हाथ को काम सरकार का लक्ष्य है।

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    झारखंड सबसे समृद्ध राज्य है जबकि इसकी कोख में गरीबी पल रही है। इसे खत्म करना है। ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रोजगार सृजन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन किया गया है। जिला, प्रखंड और गांव स्तर पर प्रोफेशनल की टीम समन्वय कर काम करेंगेे। खूंटी में उत्पादित लाह को जयपुर के नाम पर बेचा जाता है। यहां के सिल्क को ठीक से बाजार नहीं मिलता। इस परेशानी को दूर किया जाएगा। झारखंड का लाह और सिल्क की साड़ी दुनिया में धूम मचाएगी। इसके लिए लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

    घाटा हमारा और फायदा पड़ोसी का
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सिंचाई योजनाओं में हमारा गांव डूबता था और फायदा पड़ोसी राज्य को होता था। अब ऐसा नहीं होगा। सिंचाई की छोटी योजनाओं को पूरा करने पर खास फोकस किया गया है। बड़ी योजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया गया है। डोभा बनाने में जो खामियां हुई हैं उसे दूर किया जाएगा। बेहतर भोजन के लिए मुख्यमंत्री किचन योजना शुरू की जा रही है। गरीब आदिवासी महिलाओं में खून की कमी नहीं होने दी जाएगी। पिछले साल के मुकाबले 19.17 प्रतिशत ज्यादा बड़ा बजट है। पिछले बजट की 134 घोषणाएं पूरी कर ली गई हैं।

    अफसरों को दी चेतावनी
    मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने अंदाज में अधिकारियों को सचेत रहने की सलाह दी। कहा, अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी। काम नहीं करने वालों को एक मिनट भी पद पर बने नहीं रहने दिया जाएगा। बेहतर होगा कि ऐसे अधिकारी वीआरएस [ स्वैच्छिक सेवानिवृति ] के लिए आवेदन करें।