काले धन पर बिल को कैबिनेट की मंजूरी
काले धन पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने मंगलवार को नया कानून बनाने के लिए एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में काले धन पर बनने वाले कानून के मसौदे के अंतिम रूप पर मुहर लगा दी
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। काले धन पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने मंगलवार को नया कानून बनाने के लिए एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में काले धन पर बनने वाले कानून के मसौदे के अंतिम रूप पर मुहर लगा दी गई। केंद्र इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश करेगा। इस कानून के तहत काला धन रखने वाले व्यक्ति पर 300 प्रतिशत जुर्माना लगेगा तथा 10 साल की सजा होगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक को हरी झंडी दी गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2015-16 पेश करते हुए काले धन पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बनाने का एलान किया था।
जेटली ने मंगलवार को लोक सभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए भी भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इसी सत्र में काले धन पर नियंत्रण के लिए विधेयक पेश करेगी।
जेटली ने यह भी कहा कि भारत के शब्दकोश से अब भ्रष्टाचार शब्द खत्म हो रहा है। आम बजट पर 168 सदस्यों ने भाषण दिया, लेकिन एक भी सदस्य ने भ्रष्टाचार शब्द का जिक्र नहीं किया।
ये होंगे काले धन पर कानून के खास प्रावधान
1. विदेश में काला धन छुपाने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा।
2. टैक्स चोरी करने वालों पर 300 प्रतिशत जुर्माना।
3. काला धन रखने वाले अपराधी को सेटलमेंंट कमीशन में शरण नहीं मिलेगी।
4. विदेशी संपत्ति के बारे में रिटर्न दाखिल न करने या अधूरा रिटर्न दाखिल करने पर सात साल का कारावास।
5. विदेशी संपत्ति के स्वामी या उससे लाभ लेने वाले व्यक्ति को आय न होने पर भी रिटर्न दाखिल करना होगा।
6. काला धन जमा करने के लिए उकसाने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
7. आयकर रिटर्न में बताना होगा, किस तारीख में खुला विदेशी बैंक में खाता।
8. विदेशों में जमा संपत्ति के बराबर देश में संपत्ति को जब्त करने की शक्ति।
अमेरिका के साथ कर संधि पर होंगे हस्ताक्षर
नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका के साथ कर अनुपालन अधिनियम पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। इससे विदेशी संस्थाओं के जरिये कर चोरी के मामलों में सूचना साझा करने में मदद मिलेगी। विदेशी खाता अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) पर करार यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारतीय उद्योग घरानों को अपनी अमेरिकी आय पर 30 फीसद का विदहोल्डिंग टैक्स नहीं चुकाना पड़े।