कैलेंडर पर भी नजर आने लगा बुरहान
कुछ मामलों में स्थानीय लोगों के कैलेंडरों के साथ फोटोशॉप के जरिये छेड़छाड़ कर आतंकियों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पहले वीडियो गेम, उसके बाद शादी-विवाह के गानों में और अब कैलेंडर पर भी हिज्ब का मारा गया आतंकी बुरहान नजर आने लगा है। कैलेंडर अभी छप कर बाजार में नहीं पहुंचा है, लेकिन इंटरनेट की विभिन्न सोशल साइटों पर उसकी तस्वीरों वाले कैलेंडर वायरल हो रहे हैं।
कई कैलेंडर स्थानीय व्यापारियों और ठेकेदारों के नाम पर जारी किए गए हैं, लेकिन यह बात अलग है कि उन्हें अपने कैलेंडर पर बुरहान की फोटो का पता नहीं है।उल्लेखनीय है कि बुरहान वानी को गत आठ जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। वह कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्वाय बन चुका था।
उसे देखकर बड़ी संख्या में युवक आतंकी संगठनों में शामिल हुए। उसकी मौत के बाद कश्मीर घाटी में लगभग पांच माह तक ¨हसाचक्र और सिलसिलेवार बंद का दौर भी चला।बुरहान की मौत और उसके प्रति लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने के लिए आतंकी व अलगाववादी संगठन पहले ही दिन से सक्रिय हैं। बुरहान की बहादुरी के किस्सों पर गीत-कविताओं का प्रचार करने के अलावा बुरहान बनाम मोदी वीडियो गेम भी शरारती तत्वों ने वादी में प्रसारित की। अब बीते कुछ दिनों से उसकी तस्वीरों वाला कैलेंडर भी लोगों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाया जा रहा है।अलाव नामक एक फेसबुक पेज और ट्वीटर हैंडल पर इस तरह के कैलेंडर अपलोड हो रहे हैं और उसके बाद अन्य लोगों द्वारा आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
कई मामलों में किसी कंपनी अथवा व्यक्ति द्वारा छपवाए गए कैलेंडर पर छपी तस्वीर को फोटोशॉप के जरिये हटाकर उसके स्थान पर बुरहान की तस्वीर लगाकर प्रसारित की जा रही है। इससे कई बार लगता है कि असली कैलेंडर है और कश्मीरी अवाम कैलेंडर छपवा रहा है।ऐसा ही एक कैलेंडर मैसर्स जमान कंस्ट्रक्शन जो सरकारी विभागों में विभिन्न प्रकार के कार्यों का ठेका लेते हैं, के कैलेंडर पर भी बुरहान की तस्वीर लगाकर इंटरनेट पर डाला गया है। कैलेंडर के नीचे जमान कंस्ट्रक्शन का नाम दिया गया है, लेकिन पता पूरी तरह सही नहीं है क्योंकि पिनकोड भी गलत है और टेलीफोन नंबर हटाए गए हैं।
राजबाग के पुलिस थाना प्रभारी कुलदीप कुमार ने कहा कि हमारी जानकारी में ऐसा कोई कैलेंडर नहीं है। राज्य पुलिस की साईबर क्राइम में तैनात इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बीते एक पखवाड़े से इंटरनेट पर ऐसे कई कैलेंडर विभिन्न जगहों से अपलोड हो रहे हैं। कुछ मामलों में स्थानीय लोगों के कैलेंडरों के साथ फोटोशॉप के जरिये छेड़छाड़ कर आतंकियों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। हम इन सभी मामलों की जांच कर रहे हैं। कई मामलों में हमने संबंधित पेज भी ब्लॉक कराए हैं।
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