बुलंदशहर गैंगरेप कांडः लड़की पापा-पापा चिल्ला रही थी अौर दरिंदे...
पीड़ित लड़की के पिता ने बताया कि जब दरिंदे बेटी को खींच कर ले जा रहे थे तो वे पापा-पापा चिल्ला रही थी अौर मैं बचा नहीं सका।
नई दिल्ली। बुलंदशहर गैंग रेप का पीड़ित परिवार भयानक सदमे में है। पीड़ित परिवार ने सोमवार को सरकार से मांग की है कि जिन लोगों ने 13 साल की लड़की और उसकी मां के साथ गैंगरेप किया है उन्हें सार्वजनिक रूप से गोली मारने की अनुमति दी जाए।
पीड़ित लड़की के पिता ने बताया कि बलात्कारियों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए ताकि कोई भी भविष्य में इस तरह का अपराध न करें। उन्होंने बताया कि जब दरिंदे बेटी को खींच कर ले जा रहे थे तो वे पापा-पापा चिल्ला रही थी अौर मैं बचा नहीं सका। मेरे जीवन का यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव है। उन्होंने कहा कि बेटी के साथ एेसा हुअा अौर मैं उसे बचा नहीं सका। इसलिए बेटी से नजर नहीं मिला पाऊंगा।
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उन्होंने कहा कि यदि तीन महीने में अपराधियों को सजा नहीं मिली तो हम परिवार सहित अात्महत्या कर लेंगे। लड़की के पिता ने बताया कि मेरी बेटी सदमे में है। हमले के बाद से कुछ भी नहीं खाया है। लड़की और उसकी मां का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब बदमाशों ने उस पर हमला किया तो हम बचाने की कोशिश की लेकिन वे हम लोगों पर हमला कर घायल कर दिया।
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जब इन दरिंदों ने अटैक किया तब पूरे परिवार ने सामना करने की कोशिश की लेकिन हत्या की धमकी के बाद ये बेबस हो गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि इस हमले में स्थानीय लोगों का भी हाथ है। पीड़िता के पिता ने कहा, 'जब हमारी गाड़ी में कुछ खराबी आई तो इन हमलावरों में से एक चिल्ला रहा था, 'असलम तुम इंतजार करो! हमलोग ट्रैक्टर ले रहे हैं।'
पीड़िता के पिता ने कहा कि हम लोग को लूटा गया, मारा गया और बेटी पत्नी के साथ जो हुआ उसे कह नहीं सकता। मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी और पत्नी उन दरिंदों को सजा दे। यदि तीन महीने के भीतर इन्हें सजा नहीं मिली तो हम तीनों खुदकुशी कर लेंगे।' यह परिवार शुक्रवार रात नोयडा से बुलंदशहर एक अंत्येष्टि में शरीक होने जा रहा था। उसी रात डेढ़ बजे कानपुर हाइवे पर हमला हुआ।
गाड़ी पर लोहे के रॉड से हिट होने बाद इन्होंने कार रोकी थी। इसके बाद सारे हमलावरों ने इन्हें बंदूक की नोंक पर अपने कब्जे में ले लिया। इनके पास से सारे सामान लूट लिए गए। गाड़ी में तीन पुरुष थे। तीनों को इन्होंने मारा। इसके बाद वे गाड़ी को एक मैदान में लेकर गए। महिलाओं को इन्होंने कार में ही छोड़ दिया था। लड़की के पिता ने कहा कि वहां सात से आठ लोग थे। उन्होंने हमारे हाथ-पैर बांध दिए। हमने पानी मांगा तो इसके लिए भी बेरहमी से मारा। मैंने अपनी बीवी को और बेटी को घिसटते हुए देखा। तीन घंटे बाद हमलावरों ने हमें छोड़ा।'
लड़की के पिता ने कहा कि मेरी बेटी ने कराटे सीखा था लेकिन बंदूक के कारण वह हार गई। यह वाकया पुलिस पोस्ट से 100 मीटर की दूरी पर हुई पर किसी ने मदद नहीं की। मैं 15 मिनट तक 100 नंबर डायल करता रहा। पहले नंबर बिजी गया फिर कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बाद मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया। उसी ने पुलिस को सूचना दी।'
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