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काला धन रोकथाम की प्रक्रिया दो-तीन हफ्ते में होगी शुरू

केंद्र सरकार ने कालेधन की रोकथाम के लिए विदेशी खातों का ब्योरा सार्वजनिक करने वाले लोगों को दो से तीन सप्ताह के भीतर विशेष स्कीम की सुविधा मुहैया करा देगी। इसके जरिये ऐसे लोग जिनके पास विदेश में अघोषित खाते हैं, वे 30 फीसद टैक्स व तीस फीसद पेनाल्टी देकर

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 14 May 2015 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2015 09:20 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने कालेधन की रोकथाम के लिए विदेशी खातों का ब्योरा सार्वजनिक करने वाले लोगों को दो से तीन सप्ताह के भीतर विशेष स्कीम की सुविधा मुहैया करा देगी। इसके जरिये ऐसे लोग जिनके पास विदेश में अघोषित खाते हैं, वे 30 फीसद टैक्स व तीस फीसद पेनाल्टी देकर खुद को काला धन कानून के दायरे में आने से बचा सकते हैं।

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वित्त मंत्रालय का मानना है कि इसके बावजूद ऐसा नहीं करने वाले लोगों को खुद के लिए चिंतित होना चाहिए। हाल ही में संसद ने काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) विधेयक को मंजूरी दी है। अभी इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है। इस कानून के तहत जिन लोगों के पास विदेश में अघोषित संपत्ति या बैंक खातों में धनराशि है, उन्हें उसकी घोषणा का मौका दिए जाने का प्रावधान है। इसकी सुविधा सरकार को मुहैया करानी है।

वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि यह विशेष सुविधा सीमित समय के लिए होगी। इसलिए जो लोग इस सुविधा का मौका नहीं उठाएंगे, उन्हें बाद में 30 फीसद टैक्स और 90 फीसद जुर्माना देना होगा। इसके अलावा उन पर मुकदमा भी दर्ज किया जा सकेगा, जिसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है। दास ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) सीमित समय के लिए संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया तैयार कर रहा है। दो तीन सप्ताह में इसे लागू कर दिया जाएगा।

ऐसी संपत्ति वालों का सुनहरा मौका

इससे इतर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि आमतौर पर लोगों के पास विदेश में अवैध संपत्ति और धन नहीं होता। लेकिन जिनके पास है उनके लिए यह सुनहरा मौका है। यह टैक्स संबंधी एक स्कीम है, जिसका फायदा लोगों को उठाना चाहिए। नए कानून के दायरे में वे लोग नहीं आते, जिनके पास विदेशी खातों में पांच लाख रुपये या इससे कम राशि है। यह रकम उन लोगों की हो सकती है जो विदेश में काम करते हैं। साथ ही, विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के खातों में भी इतनी राशि हो सकती है।

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