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    यूपी: अपने हों या विरोधी, सब चला रहे हैं 'मोदी का सिक्का'

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    Updated: Thu, 04 Jul 2013 11:41 AM (IST)

    गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम पर विरोधी दल अल्पसंख्यकों में एकजुटता पैदा करने की कोशिश में जुटे हैं, तो भाजपा उन्हीं नरेंद्र मोदी के गुजरात के सहारे उन ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [आशुतोष झा]। गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम पर विरोधी दल अल्पसंख्यकों में एकजुटता पैदा करने की कोशिश में जुटे हैं, तो भाजपा उन्हीं नरेंद्र मोदी के गुजरात के सहारे उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। अल्पसंख्यक विजन डाक्यूमेंट में गुजरात पुलिस में मुस्लिमों की भागीदारी का हवाला देते हुए समझाने की कोशिश होगी कि असली विकास सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में हो रहा है।

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    इसके अलावा मोदी 'गरवी गुजरात' की तर्ज पर 'गर्वित उत्तर प्रदेश' का कार्ड भी खेलेंगे। आजादी के बाद लंबे वक्त तक विभिन्न क्षेत्रों पर आधिपत्य रखने वाले उत्तर प्रदेश का स्वाभिमान जगाकर जनता को भाजपा से जोड़ने की कोशिश होगी। भाजपा पहली बार अल्पसंख्यकों के लिए भी एक विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रही है। सुझाव आरएसएस की ओर से भी आ रहे हैं। अल्पसंख्यकों से कहा जाएगा कि वह किसी डर या भय के कारण नहीं, बल्कि अपने हित के लिए वोट दें।

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    भाजपा के विजन डाक्टूमेंट में कहा जा सकता है, 'हमें वोट नहीं देना है तो मत दें, लेकिन अपने आर्थिक व सामाजिक भविष्य को देखते हुए सोच समझकर वोट डालें।' डाक्यूमेंट में बताया जाएगा कि गुजरात में सिर्फ नौ फीसद अल्पसंख्यक हैं, लेकिन राज्य पुलिस में उनकी भागीदारी 11 फीसद है। ऐसा ही उदाहरण भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी है। राजनीतिक भागीदारी के मामले मे भी भाजपा शासित राज्यों में उनका हक ज्यादा सुरक्षित है।

    विकास का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के सामने सुनहरे भविष्य का खाका खींचा जाएगा और उसे पूरा करने का विश्वास जगाया जाएगा। 80 लोकसभा सीटों वाले सूबे के हर बड़े शहर और कस्बे की अपेक्षाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। भाजपा के मिशन 2014 में उत्तर प्रदेश सबसे अहम है। फिलहाल दस सीटों पर सिमटी भाजपा को मोदी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तक लाना चाहते हैं।

    लिहाजा, यूपी में व्यापक काम हो रहा है। चुनावी कमान संभाल रहे राज्य के प्रभारी अमित शाह इसी लिहाज से नब्ज टटोल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि शब्द अलग हो सकते हैं, लेकिन यूपी में मोदी का नारा गरवी गुजरात की तर्ज पर ही होगा। एक नेता के अनुसार तीन स्तर पर काम हो रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान मोदी पूछेंगे कि यूपी हर क्षेत्र में अपनी साख क्यों खोता जा रहा है। दूसरे स्तर पर अलग-अलग शहरों के साथ पूरे राज्य की अपेक्षाओं और विकास की राह में खड़ी बाधाओं को संबोधित किया जाएगा।

    यह बताने की भी कोशिश होगी कि सबसे बड़ी बाधा नेतृत्व की सोच और निर्णय क्षमता होती है। तीसरे स्तर पर उस स्वाभिमान की बात होगी जो उत्तर प्रदेश की जनता को देश में आगे खड़ी कर सके। भाजपा कॉमिक्स की तर्ज पर बुकलेट भी तैयार कर रही है, जिसमें अखबारों की कतरनों के जरिए राज्य सरकारों के प्रति केंद्र के रवैये और राज्य सरकार की निष्क्रियता को सामने रखा जाएगा।

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