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    भाजपा को कितना रास आएगा जम्मू कश्मीर में पीडीपी का साथ

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Wed, 25 Feb 2015 02:00 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर में पहली बार सत्ता में भागीदारी करने जा रही भाजपा को पीडीपी का साथ कितना रास आएगा यह लाख टके का सवाल है। इसके लिए भाजपा को अपने कई मूल मुद्दों से समझौता करना पड़ रहा है जिसे लेकर वह आज तक राजनीति करती आई है।

    नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में पहली बार सत्ता में भागीदारी करने जा रही भाजपा को पीडीपी का साथ कितना रास आएगा यह लाख टके का सवाल है। इसके लिए भाजपा को अपने कई मूल मुद्दों से समझौता करना पड़ रहा है जिसे लेकर वह आज तक राजनीति करती आई है। हालांकि भाजपा के लिए एक ऐतिहासिक मौक़ा है। भाजपा का पीडीपी के साथ आना दो विपरीत ध्रुवों के मिलने जैसा है।

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    सरकार के गठन के लिए दोनों ही पार्टियों ने बीच का रास्ता ढूंढा है, लेकिन इस गठबंधन से कश्मीर घाटी में सबकुछ ठीक ठाक नहीं महसूस किया जा रहा। कहा जा रहा है कि कश्मीर घाटी में ज़्यादातर लोग भाजपा-पीडीपी के इस गठबंधन से नाराज़ हैं। देखा जाए तो भाजपा और पीडीपी दोनों के लिए यह जुआ खेलने से कम नहीं है।

    राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू कश्मीर में पीडीपी के राजनीतिक अस्तित्व का सवाल इस गठबंधन से जुड़ा हुआ है। इसी तरह से इस गठबंधन को लेकर भाजपा के लिए भी अपने समर्थकों को समझा पाना आसान नहीं है। उसे अपने कई महत्वपूर्ण एजेंडे से समझौता करना पड़ रहा है जैसे धारा- 370 और एएफएसपीए। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या भाजापा घाटी छोड़ कर गए कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में बसाने के अपने वादे को पूरा कर पाएगी। इसमें उसे पीडीपी से कितना सहयोग मिल सकेगा। अगर पीडीपी इस काम में भाजपा को सहयोग करती है तो उसे घाटी के लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।

    समझौते के मुद्दों में से एक पाकिस्तान से बातचीत का मसला है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने खुद ही पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू करने की पहल की थी। सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून के बारे में कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों ने एक समिति बनाई है, जिसमें भाजपा और पीडीपी के एक-एक सदस्य के अलावा सुरक्षा बलों और कुछ नौकरशाह भी लोग शामिल होंगे, जो इस बात का जायज़ा लेंगे कि कहां से किस समय इसे हटाया जाए।

    पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती का कहना है कि 'हमारे बीच सहमति बन गई है और यह केवल सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि राज्य के लोगों की भलाई और विकास के लिए दोनों दल साथ आए हैं और यह राज्य के लोगों का दिल जीतने के लिए है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक साफसुथरी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनेगी।

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