Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परिवर्तन का झूठ बोल रही है भाजपा, दिशा का पता नहीं: अखिलेश

    By Edited By:
    Updated: Sun, 27 Apr 2014 08:09 AM (IST)

    ..अरे, ये तो अस्पताल है। यहां इतनी भीड़ क्यों हैं? सीतापुर के आसमान में उड़ते उड़नखटोले से जमीन पर निगाहें गड़ाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुदबुदाए। पायलट स ...और पढ़ें

    Hero Image

    लखनऊ, [परवेज अहमद]। ..अरे, ये तो अस्पताल है। यहां इतनी भीड़ क्यों हैं? सीतापुर के आसमान में उड़ते उड़नखटोले से जमीन पर निगाहें गड़ाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुदबुदाए। पायलट से बोले-'वन राउंड डाउन, प्लीज। फिर मुख्य सुरक्षा अधिकारी से कहा-'स्वास्थ्य मंत्री को बताओ, तेज धूप में इतने लोग खड़े हैं। आचार संहिता खत्म होते ही अस्पतालों की ओपीडी में छाया का इंतजाम करवाऊंगा। फिर संवाददाता से मुखातिब हो तंज भरे अंदाज में कहा-'भाजपाई इस पर कुछ नहीं बोलते। वे तो बस, इंसान और इंसान के बीच अभी जीवित बचे रिश्ते-नाते मार डालना चाहते हैं। देखिएगा, भाजपा का प्रचार हवा-हवाई निकलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनावी बेला में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काम और प्रचार की शैली परखने निकले तो कई अनकहे पहलू भी सामने आए। सुबह दस बजे कालिदास मार्ग से बाहर निकलते फरियादियों की भीड़ देख अखिलेश ने कहा-'अरे इतने लोग यहां, चंद मिनट बाद लामार्टीनियर ग्राउंड पर गाड़ी से उतरते ही 'डे-अफसर' से कहा-'जाकर फरियादियों को सुन लो।' इसके बाद निजी कम्पनी के हेलीकॉप्टर पर सवार हो गये। यह पूछने पर कि कैसी है चुनावी फिजा? अखिलेश कहते हैं-'भाजपा परिवर्तन का झूठ दिलेरी से बोल रही है, परिवर्तन की दिशा क्या होगी, वह यह नहीं बता रही।'

    अब तक उड़नखटोला सीतापुर के आकाश में पहुंच गया था। सैकड़ों फीट नीचे उन्हें जिला अस्पताल परिसर दिख गया। हेलीकॉप्टर नीचे कराया। तीखी धूप में मरीजों की भीड़ देख बेचैनी से पहलू बदला। स्वास्थ्य मंत्री को फोन मिलाने की हिदायत दी, फिर मुख्य सुरक्षा अधिकारी से कहा-'नोट कर लीजिए, बोले यह काम करना है। ओपीडी का एरिया छायादार बनाने की जरूरत है।'

    हेलीकॉप्टर ने फिर ऊंचाई पकड़ी तो पर्यावरण के असंतुलन पर उनका दर्द उभरा। बोले-'नीचे देखिए.. जल, जंगल व जमीन का विनाश हो रहा है।' हेलीकॉप्टर मोहम्मदी में लैंड करने को हुआ तो उनकी नजर सुरक्षा रिंग से दूर एक सांड़ खदेड़ते चौकीदारों पर पड़ी। अखिलेश मुस्कुराए कह उठे-'यह विजुअल मोदी जी को मिल जाए तो वह बाप-बेटे की सरकार जैसा कोई किस्सा गढ़ लेंगे और फिर न जाने क्या-क्या बोलेंगे। वह गुजरात माडल की दुहाई देने लगेंगे लेकिन मुफ्त शिक्षा, लैपटाप, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजना बता भी नहीं सकेंगे। फिर अखिलेश ने युवाओं, महिलाओं, स्कूली बच्चों से जुड़ी योजनाओं का जिक्र छेड़ा। बताया कि चुनाव बाद सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाएंगे। दो लाख युवकों की सरकारी सेवा में भर्ती होगी। इतनी साफ दृष्टि के बाद भी मुजफ्फरनगर में दंगे और कानून व्यवस्था बिगडऩे की वजह। पुलिस से कुछ चूक हुई मगर चौबीस घंटे में स्थित कंट्रोल हो गई। मुजफ्फरनगर के पीड़ितों की हमने जितनी मदद की, उतनी कभी नहीं हुई। फिर भी यह तकलीफदेह घटना है। अपराध का दुष्प्रचार ज्यादा है, जहां खामी मिलेगी उसे दुरुस्त किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने चार जनसभाएं भी कीं।

    शाम तकरीबन पांच बजे दिन का सफर पूरा कर हेलीकॉप्टर से उतरे अखिलेश ने उत्साही नौजवान की तरह ही जेब से अपना मोबाइल निकाला। उसे संवाददाता को थमा कर पायलट के साथ तस्वीरें खिंचवाई..और कालिदास मार्ग स्थित घर में घुसते ही घरेलू कर्मचारी से सवाल दागा-बच्चे कहां है और डिंपल (अखिलेश की पत्नी) जवाब सुनकर ड्राइंग रूम के सोफे पर धंस गए।

    निगाह दीवार की ओर उठायी वहां सेव द टाइगर स्लोगन वाले शेर का पोस्टर नजर आया। उधर इशारा कर भेदभरे अंदाज में कहा-कुछ लोग प्रचार के शोर में हैं और हम काम में मशगूल हैं। दर्द समझना और उसे दूर करना बहुत मुश्किल होता है। ..हमारा एक दिन यहां पूरा हो गया। सुबह नौ बजे यहीं से सैंडविच और काली चाय पीकर चुनावी सफर शुरू किया था।

    पढ़ें: आजम के समर्थन में सपाइयों का प्रदर्शन

    पढ़ें: सपा समर्थकों की दबंगई, पार्टी को वोट न देने पर काटा अधेड़ का कान