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    सोनिया, राहुल के वफादारी बॉन्ड पर कांग्रेसी विधायकों ने किए हस्ताक्षर

    By kishor joshiEdited By:
    Updated: Wed, 25 May 2016 11:18 AM (IST)

    पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने के बाद कांग्रेस राज्य के अपने जीते हुए विधायकों से एक अलग तरह के स्टांप पेपर पर साइन करवा रही है।

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने के बाद राज्य कांग्रेस की इकाई अपने विजयी विधायकों से एक अलग तरह के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवा रही है। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को जीते हुए सभी 44 विधायकों से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जिसमें लिखा था कि सभी विधायक सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति वफादारी रखेंगे।

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    इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, 100 रुपये के स्टांप पेपर वाले इस शपथपत्र में विधायकों ने यह सुनिश्चत किया है कि विधायक "किसी भी प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल" नहीं होंगे। चुनाव के बाद हुई सभी विधायकों, जिला अध्यक्षों की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी के साथ हुई एक बैठक के बाद सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।

    जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा बॉन्ड नहीं है जिसे हमने जबरन लोगों से भरवाया है, या फिर जिसका पालन नहीं करने पर किसी के ऊपर कार्रवाई होगी। यह एक शपथ है जिस पर सबने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए स्वयं की मर्जी से हस्ताक्षर किए हैं। जहां तक उनकी चिंताओं की बात है, उसके बारे में हमेशा पार्टी के भीतर एक पर्याप्त गुंजाइश होगी क्योंकि क्योंकि असहमति किसी की भी हो सकती है।’


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    दो पन्नों वाले इस स्टांप पेपर के पहले प्वाइंट में लिखा गया है, "मैं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संचालित होने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के प्रति बिना किसी शर्त के अपनी निष्ठा व्यक्त करता हूं।"

    दूसरा प्वाइंट में कहा गया है- "विधान सभा का सदस्य होने के नाते मैं पार्टी के खिलाफ हो रही किसी भी अनैतिक गतिविधि में शामिल नहीं रहूंगा। यहां तक कि मैं पार्टी की नीति के खिलाफ कोई भी नकारात्मक बात भी नहीं कहूंगा। ऐसी परिस्थिति में, कोई भी कमेंट करने से पहले में अपने पार्टी के विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।"

    लेकिन अपना नाम न बताने की शर्त पर कुछ विधायकों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्हें डर है कि इससे पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को खतरा होगा।