हंगामेदार हो सकती है संसद के मॉनसून सत्र की शुरूआत
कांग्रेस के तेवर से साफ जाहिर है कि इस बार मॉनसून सत्र की शुरूआत हंगामेदार रह सकती है।
राजेश कुमार, नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि 18 जुलाई से होने जा रहे बेहद अहम संसद के मॉनसून सत्र की शुरूआत हंगामेदार रह सकती है। बेहद अहम इसलिए क्योंकि इस सत्र पर पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया की निगाहें लगी रहेगी क्योंकि सरकार की कोशिश काफी लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी बिल को आपसी सहमति से पास कराने की होगी।
सर्वदलीय बैठक से पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस बार उनकी कोशिश होगी कि सत्र शांतिपूर्वक चले। हालांकि, कांग्रेस ने भले ही जीएसटी पर नरमी के संकेत दिए हो लेकिन मॉनसून सत्र से एक दिन पहले उसने जो प्रतिक्रिया दी है उसके बाद अब इसमें कोई शक नहीं कि कांग्रेस की इस सत्र के दौरान क्या रणनीति रहनेवाली है।
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दरअसल, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि बुरहान वानी की मौत के बाद जो हिंसा भड़की थी उसमें घायल सैकड़ों लोगों के इलाज पर पहले सरकार का ध्यान केन्द्रित होना चाहिए। सरकार की प्राथमिकता इस वक्त कश्मीर हिंसा होनी चाहिए। इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में जिस तरह का राजनीतिक घटनाक्रम पिछले दो तीन दिनों में हुआ है उसके बाद कांग्रेस की पूरी कोशिश सदन में सरकार से इस बारे में जवाब लेने की होगी। इसके अलावा, पाकिस्तान की तरफ से लगातार घुसपैठ, सेना पर हमले और पठानकोट हमले में एनआईए को पाकिस्तान में जाने की इजाजत ना मिल पाना भी कांग्रेस को बोलने का बड़ा मौका दे दिया है।
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संसदीय कार्यमंत्री को सहयोगी दलों से भरोसा
हालांकि, रविवार को बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और अनन्त कुमार, कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और आनन्द शर्मा भी शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से तारिक अनवर और डी पी त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बहुजन समाज पार्टी के सांसद सतीश मिश्र ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनन्त कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि चर्चा बहुत सार्थक रही और सभी दलों ने सत्र के दौरान पूरे सहयोग का वायदा किया है।
जीएसटी पास होने की पूरी उम्मीद
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि विधयकों को पारित कराने के लिए सभी दलों का सहयोग लिया जाएगा। उधर, सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि मानसून सत्र में वस्तु और सेवा-कर विधेयक पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य विधेयक के पक्ष में हैं और इस विधेयक का आम सहमति से पारित होना देश-हित में होगा।
गुण-दोष के आधार पर होगा विधेयकों का समर्थन
उधर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस गुण-दोष के आधार पर लम्बित विधेयकों का समर्थन करेगी। आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति बेहद गंभीर है और संसद में इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी वस्तु और सेवा कर विधेयक पर सहमति बनाने के लिए पिछले दो वर्ष से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध करती रही है।