बटला एनकाउंटर: दिग्गी ने कहा फर्जी, तो भाजपा ने बोल दिया हमला
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बटला हाउस मुठभेड़ मामले में अदालत के फैसले ने भाजपा को राष्ट्रवादी लाइन पर खुलकर खेलने और हमलावर होने की राह दे दी है। वहीं, कांग्रेस अब चेहरा बचाने में जुट गई है। यही कारण है कि अपने ही नेता दिग्विजय सिंह पर लगाम लगाने से संकोच करती रही कांग्रेस अब अपील कर रही है कि इसका राजनीतिकरण न किया जाए।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बटला हाउस मुठभेड़ मामले में अदालत के फैसले ने भाजपा को राष्ट्रवादी लाइन पर खुलकर खेलने और हमलावर होने की राह दे दी है। वहीं, कांग्रेस अब चेहरा बचाने में जुट गई है। यही कारण है कि अपने ही नेता दिग्विजय सिंह पर लगाम लगाने से संकोच करती रही कांग्रेस अब अपील कर रही है कि इसका राजनीतिकरण न किया जाए। पार्टी ने दिग्विजय से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी मुठभेड़ को फर्जी नहीं बताया था। संभव है कि कांग्रेस को इशरत जहां मामले का विवाद भी आशंकित करने लगा हो। खासतौर पर तब जब अदालत के फैसले के बावजूद दिग्विजय बटला मामले की न्यायिक जांच की मांग पर अडिग हैं।
जानिए, क्या है बटला हाउस एनकाउंटर?
बटला हाउस मुठभेड़ को अदालत ने सही ठहराते हुए आरोपी शहजाद को दोषी करार दे दिया है। अब तक जहां दिग्विजय इसे फर्जी बता रहे थे, वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से संदिग्धों की मौत पर सहानुभूति जताई गई थी। कांग्रेस के मंत्री सलमान खुर्शीद ने चुनावी जनसभा में यहां तक कह दिया था कि घटना के दृश्य देखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आंखों से आंसू फूट पड़े थे। सपा भी मुठभेड़ पर किंतु-परंतु करती रही थी। इन सभी के साथ सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती राय ने भी मुठभेड़ पर सवाल उठाए थे, जबकि भाजपा ने तुष्टीकरण का आरोप लगाया था। पांच साल बाद आए फैसले ने सब कुछ उलट दिया है। भाजपा अब आक्रामक है। मुरली मनोहर जोशी से लेकर रविशंकर प्रसाद, धर्मेद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर जैसे कई नेताओं ने कांग्रेस और दिग्विजय को माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी झूठ का सहारा लेकर तो कभी तुष्टीकरण के जरिए वोट की राजनीति करती है। अब सच्चाई सामने आ गई है तो कांग्रेस को गलती मानकर माफी मांगनी चाहिए।
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अभिषेक मनु सिंघवी ने दिग्विजय का हवाला देते हुए कहा कि उस माहौल में कुछ लोगों की ओर से सवाल उठाए गए थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी मुठभेड़ को फर्जी नहीं बताया था। गौरतलब है कि इशरत जहां मामले को लेकर विवाद गर्म है। जांच एजेंसियों में तकरार दिखने लगी है। वहीं, राजनीतिक तौर से सरकार पर भी आंच आ सकती है। शायद यही कारण है कि बटला मामले पर फैसले के बाद कांग्रेस ने इस पर राजनीति न करने की अपील की है। हालांकि, यह तय है कि चुनावी माहौल में भाजपा को थोड़ा बल मिल गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के ही शकील अहमद ने इंडियन मुजाहिदीन के गठन को गुजरात दंगे से जोड़कर विवाद खड़ा किया था।
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कोट्स
'कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। मैंने मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी, जिसे नकार दिया गया। मैं अब भी जांच की मांग कर रहा हूं। मैं भाजपा से इस जीवन में कभी माफी नहीं मांगूंगा।'
-दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव
'शहीदों की शहादत पर कांग्रेस को सियासत से बाज आना चाहिए। कांग्रेसी नेताओं ने शहीद के परिवार को ही कलंक के साए में डाल दिया था। दिग्विजय को अब तो देश से माफी मांग लेनी चाहिए और आतंकवाद को महिमामंडित करने से बचना चाहिए।'
-रविशंकर प्रसाद, भाजपा प्रवक्ता
'दस्तावेज देखने और अफसरों से बातचीत के बाद मैं संतुष्ट था कि मुठभेड़ सही थी। हमने एक बहादुर पुलिस अधिकारी खो दिया। मुझे बताया गया है कि एकमात्र पकड़ा गया आतंकी दोषी है। मुझे खुशी है कि पुलिस इस मामले को साबित करने में सफल रही।'
-पी. चिदंबरम, वित्त मंत्री।
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