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जो गीता पढ़ता है उसे न चश्मा लगता, न डायबिटीज होती है: गौर

गीता फेस्ट में गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने मेडिकल साइंस को चुनौती दे डाली कि जो भी गीता पढ़ता है उसे न तो आंखों में चश्मा लगता, डायबिटीज होती है। वहीं हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि जो भारत को नहीं जानता उसे भारत में रहने का

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 03:42 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 10:08 PM (IST)
जो गीता पढ़ता है उसे न चश्मा लगता, न डायबिटीज होती है: गौर

भोपाल, [राजीव सोनी]। गीता फेस्ट में गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने मेडिकल साइंस को चुनौती दे डाली कि जो भी गीता पढ़ता है उसे न तो आंखों में चश्मा लगता, डायबिटीज होती है। वहीं हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि जो भारत को नहीं जानता उसे भारत में रहने का अधिकार नहीं है। जो भारत में रहता है उसे गीता को जानना जरूरी है।

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कप्तान सिंह सोलंकी यहां लालपरेड मैदान पर नर्मदे हर सेवा न्यास द्वारा आयोजित गीता फेस्ट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक जीवन पद्धति है। गीता को हरियाणा सरकार ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया है और जब उनसे मध्यप्रदेश में गीता को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए सरकार से बात करने का सवाल पूछा गया तो वे उसे टाल गए। उन्होंने कहा कि गीता पाठ घर से ही शुरू होना चाहिए।

[साभार: नई दुनिया]

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