Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केजरीवाल के रामलीला मैदान से रामलीला मैदान तक का सफर

    विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ उसी तारीख को लेंगे, जिस तारीख को उन्होंने इस्तीफा दिया था। 14 फरवरी को वह ऐतिहासिक रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और

    By anand rajEdited By: Updated: Wed, 11 Feb 2015 11:57 AM (IST)

    नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ उसी तारीख को लेंगे, जिस तारीख को उन्होंने इस्तीफा दिया था। 14 फरवरी को वह ऐतिहासिक रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और गृहमंत्री से मिलेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अरविंद केजरीवाल जब सूबे में नई सरकार बनाने का दावा पेश करने राजनिवास पहुंचे थे, तो उनकी इच्छा थी कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ जंतर-मंतर पर दिलाई जाए। जगह की कमी का हवाला देकर उपराज्यपाल नजीब जंग ने उन्हें रामलीला मैदान में शपथ लेने की सलाह दी और वह मान भी गए थे।

    यही वह रामलीला मैदान है, जिसने रातोंरात केजरीवाल को दिल्ली ही नहीं देश और दुनिया भर में नई पहचान दिलाई। अन्ना आंदोलन के दौरान उन्होंने यहीं से सुर्खियां बटोरीं। उनके लिए यह सुखद संयोग है इसी रामलीला मैदान में वे दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नए युग की शुरुआत करेंगे। दिल्ली के इतिहास में 14 फरवरी की तारीख खासतौर पर दर्ज की जाएगी, क्योंकि वर्ष 2014 में इसी तारीख को दिल्ली जन लोकपाल बिल पास नहीं होने पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ठीक साल भर बाद इसी तारीख को दोबारा मुख्यमंत्री पद पर काबिज होंगे।

    अरविंद केजरीवाल के सियासी जीवन में जंतर-मंतर और रामलीला मैदान, दोनों की ही खास अहमियत है। जंतर-मंतर पर अन्ना के आंदोलन के दौरान पहली बार जनता के बदलते मिजाज की भनक लगी तो रामलीला मैदान से पूरे देश में बदलाव का संदेश गया। केजरीवाल और उनकी पूरी टीम को यहीं से विशेष पहचान मिली। तीन साल के दरम्यान दूसरी बार दिल्ली की सत्ता उन्हें इसी मैदान में सौंपी जाएगी। तीन साल पहले चर्चा के केंद्र में अन्ना हजारे थे और शनिवार को जब केजरीवाल को शपथ दिलाई जा रही होगी तो देश और दुनिया की निगाहों में बस वे ही होंगे।

    भाजपा के साहिब सिंह वर्मा के बाद केजरीवाल दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें राजनिवास में शपथ नहीं दिलाई जाएगी। साहिब सिंह वर्मा को छत्रसाल स्टेडियम में शपथ दिलाई गई थी।

    पढ़ेंः क्या दिल्ली की तरह दूसरे राज्यों में भी लगेगा मोदी को झटका!

    पढ़ेंः दिल्लीः कांग्रेस के पतन से डूब गई भाजपा की नाव