विधानसभा परिसर में आप ने कराई विधायकों की परेड
दिल्ली में भाजपा की ओर से सरकार बनाने की कोशिश तथा इसमें आम आदमी पार्टी (आप) के पांच विधायकों द्वारा समर्थन करने की चर्चा के बाद शुक्रवार शाम को पार्टी ने दिल्ली विधानसभा परिसर में भाजपा की ओर से संपर्क करने वाले विधायकों को मीडिया के सामने पेश किया।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली में भाजपा की ओर से सरकार बनाने की कोशिश तथा इसमें आम आदमी पार्टी (आप) के पांच विधायकों द्वारा समर्थन करने की चर्चा के बाद शुक्रवार शाम को पार्टी ने दिल्ली विधानसभा परिसर में भाजपा की ओर से संपर्क करने वाले विधायकों को मीडिया के सामने पेश किया। बता दें कि दैनिक जागरण में शुक्रवार को इस संबंध में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
बताया जा रहा है कि सुबह से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एक-एक करके विधायकों से मामले पर सफाई मांगी। इसमें पांच विधायकों ने इस बात की पुष्टि की कि भाजपा की ओर से उनसे संपर्क किया गया था। इसके बाद इन सभी विधायकों को विधानसभा में बैठक के लिए तीन बजे बुलाया गया और फिर सभी को सामने बैठाकर एक-एक करके पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पूरी जानकारी हासिल की। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद भाजपा सरकार बनाने को लेकर बेचैन हो गई है। इसलिए भाजपा आप विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश में जुट गई है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री गिरीश सोनी, विधायक संजीव झा, मनोज कुमार, राजू धिंगान, सुरेंद्र कुमार को कुछ लोगों ने संपर्क करके मुंहमांगा पैसा और पद देने का ऑफर दिया था। लेकिन सभी विधायकों ने किसी भी तरह के ऑफर को ठुकरा दिया।
पूर्व मंत्री गिरीश सोनी ने बताया कि पांच अगस्त को एक व्यक्ति ने फोन से उनसे संपर्क किया था। उसने अपना नाम महेश बताया और भाजपा को समर्थन देने के बदले मुंहमांगे पैसे देने का ऑफर भी दिया। इसके बाद दिल्ली कैंट से विधायक कमांडो सुरेंद्र ने बताया कि एक अगस्त को उनसे भी कुछ लोगों ने उनके कार्यालय में संपर्क किया था। इसमें 50 लाख के ऑफर के साथ पद और विदेश में अकाउंट खुलवाने की बात भी कही थी। ऐसे ही कुछ आरोप संजीव झा, मनोज कुमार और राजू धिंगान ने भी लगाए।
पुलिस से शिकायत क्यों नहीं की ? अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली की जनता से घूसखोर अधिकारियों का स्टिंग करने की अपील दोहराई थी। एक दर्जन से अधिक बार आप और उसके विधायक भाजपा और कांग्रेस पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा चुके हैं, लेकिन सुबूत पेश करने में पार्टी पूरी तरह से फेल साबित हुई है। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। केजरीवाल के पांच विधायक भाजपा पर खरीद-फरोख्त करने के लिए संपर्क करने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन जब उनसे सवाल पूछा गया कि इस बारे में क्या पुख्ता सुबूत हैं। सवाल के जवाब में आप के सभी विधायक बैकफुट पर नजर आए और किसी भी तरह के सुबूत पेश करने पर हाथ खड़े कर दिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।