केजरीवाल को भरोसा नहीं टूटेंगे विधायक
दिल्ली में भाजपा की ओर से अल्पमत की सरकार बनाने के आसार के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर दोहराया है कि उसके सभी विधायक साथ हैं। पार्टी विधायकों में टूट के कोई आसार नहीं हैं। दिल्ली में 4
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली में भाजपा की ओर से अल्पमत की सरकार बनाने के आसार के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर दोहराया है कि उसके सभी विधायक साथ हैं। पार्टी विधायकों में टूट के कोई आसार नहीं हैं। दिल्ली में 49 दिनों की सरकार चला चुके पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है।
पार्टी का कहना है कि दिल्ली के मौजूदा राजनीतिक हालात में पार्टी विधायक चाहते हैं कि विधानसभा जल्द से जल्द भंग कर चुनाव कराए जाएं। केजरीवाल का कहना है कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आप विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। यह कोशिश गत डेढ़ महीने से लगातार जारी है। कुछ विधायकों ने भाजपा नेताओं की ओर से इस दिशा में किए जा रहे प्रयास को कैमरे में भी कैद किया है। इसे गत माह राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान वे उन्हें दे चुके हैं।
उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी आप के विधायकों के पाला बदले जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि विधायकों के अलग होने को लेकर पार्टी चिंतित नहीं है क्योंकि ऐसा कुछ होने ही नहीं जा रहा है। संजय के अनुसार, चंद दिनों के अंतराल पर हमारे विधायकों के टूटने की जानकारी कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस नेताओं से ही हमें मिलती है।
आप विधायकों के इन फैसले से बन सकती है सरकार
आप के पांच विधायक इस्तीफा दें, जिससे विधानसभा में विधायकों की संख्या 62 रह जाए। ऐसी स्थिति में भाजपा को सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरूरत होगी। क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष अपना वोट नहीं डाल पाएंगे। इस समय भाजपा के 29 विधायक हैं। आप से बगावत करने वाले विनोद कुमार बिन्नी और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से बहुमत हासिल किया जा सकता है।
व्हिप का करें उल्लंघन
दूसरा विकल्प यह है कि विश्वास मत के दौरान आप के कम से कम तीन विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर भाजपा को समर्थन कर दे। इससे सरकार समर्थन हासिल कर लेगी। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले सदस्यों की सदस्यता के मामले में फैसला काफी विलंब से होता है।
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