आर्ट ऑफ लिविंग पर हो सकता है 120 करोड़ का जुर्माना
आर्ट ऑफ लिविंग को ओर से 11-13 मार्च तक यमुना बाढ़ क्षेत्र में आयोजित होने वाले रन-अप कार्यक्रम के लिए 120 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है । ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आर्ट ऑफ लिविंग को ओर से 11-13 मार्च तक यमुना बाढ़ क्षेत्र में आयोजित होने वाले रन-अप कार्यक्रम के लिए 120 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है जिसमें आध्यामिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के करीब साढ़े तीन लाख अनुयायियों के आने की संभावना जताई जा रही है।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर पश्चिमी यमुना क्षेत्र में एक हजार एकड़ में विशाल मंच, पंटून पुल और टेंट लगाने की तैयारी चल रही है। बाढ़ क्षेत्र में कार्यक्रम को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पैनल ने बाढ़ क्षेत्र की क्षति के लिए संस्था पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने और जुर्माने की राशि कार्यक्रम से पहले ही वसूलने की सिफारिश की है।
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पश्चिमी यमुना क्षेत्र में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पैनल सदस्यों ने बाढ़ क्षेत्र का दौराकर विभिन्न पहलुओं का आंकलन किया। टीम ने दौरे में पाया कि बाढ़ क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रम से क्षेत्र के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। ऐसे में पैनल ने सिफारिश की कि बाढ़ क्षेत्र में होने वाली क्षति को संस्था से जुर्माने के रूप में वसूला जाना चाहिए।
जल संसाधन मंत्रालय सचिव शशि शेखर के नेतृत्व में बनाए गए एनजीटी के पैनल में उनके अलावा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सीआर बाबू, आइआइटी दिल्ली के प्रो. एके गोसाई और जयपुर के प्रो. ब्रिज गोपाल शामिल हैं। समिति ने पाया कि कार्यक्रम के बाद बाढ़ क्षेत्र की मरम्मत में करीब 120 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। पैनल की रिपोर्ट पर एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार दैनिक सुनवाई मंगलवार से शुरू करेंगे।
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