फिर मिले अमर-मुलायम, सपा में वापसी की अटकलों को मिला बल
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी की पटकथा तैयार है। एक पखवारे के भीतर उनकी मुलायम से दूसरी मुलाकात और सपा की खामोशी से अटकलों को बल मिला है। अमर ने यह कहकर कि मीडिया को अटकलें लगाने की आजादी है, सियासी रहस्य और गहरा कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुलायम से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी की पटकथा तैयार है। एक पखवारे के भीतर उनकी मुलायम से दूसरी मुलाकात और सपा की खामोशी से अटकलों को बल मिला है। अमर ने यह कहकर कि मीडिया को अटकलें लगाने की आजादी है, सियासी रहस्य और गहरा कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुलायम से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं।
मंगलवार की सुबह अमर सिंह अचानक लखनऊ पहुंचे और सीधे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के घर गए। यहां नाश्ते के दौरान दोनों के बीच चर्चा हुई। वहां से अमर सिंह सपा के मुखिया मुलायम के घर पहुंचे। उस समय मुलायम उपचुनाव के प्रेक्षक और प्रत्याशियों की बैठक में हिस्सा लेने जाने वाले थे। लेकिन अमर के पहुंचने पर रुक गए और तकरीबन दो घण्टे तक उनसे बातचीत की। उस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वहां पहुंच गये।
सूत्रों का कहना है कि इस मेल-मुलाकात में सियासी हालात से लेकर संगठन की स्थितियों पर बातचीत हुई लेकिन सबने चुप्पी साधे रखी। बाद में गोमतीनगर स्थित अपने आवास पर अमर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि मुलायम सिंह उनके अग्रज हैं और शिवपाल भाई हैं। अखिलेश बेटे की तरह हैं। ये और बात है कि कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री और कोई पार्टी का अध्यक्ष है।
गौरतलब है कि 2010 में निष्कासित होने के बाद से अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी से दूरी बना रखी थी। लोकसभा चुनाव के समय अमर और मुलायम ने एक-दूसरे के प्रति भावनाएं दर्शायीं थी। फिर पांच अगस्त को जनेश्वर मिश्र की जयंती पर अमर सपा के मंच पर नजर आए। अब एक पखवारे से भी कम समय में दूसरी बार मुलायम से उनकी मुलाकात को पार्टी में उनकी वापसी की पटकथा के रूप में देखा जा रहा है।
राज्यसभा के टिकट पर
सपा से फिर राज्यसभा जाने के सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि वह 59 साल के हो गये हैं। राजनीति का सब दौर देख लिया है। फिलहाल वह 21 अगस्त से विदेश दौरे पर रहेंगे। पहले इंग्लैण्ड, फिर कनाडा, अमेरिका, दुबई होते हुए वह वापस लौटेंगे। उनके इस बयान के भी सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
रामगोपाल पर चुप्पी
वापसी की संभावना से प्रो.राम गोपाल के इंकार के सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि सियासत अपनी जगह है, निजी रिश्ते अपनी जगह हैं। राजनीति के लिए निजी रिश्ते नहीं बिगड़ने चाहिए।
मायावती और भाजपा पर निशाना
अमर सिंह ने कहा कि मोदी के अलावा अगर किसी दूसरे दल के प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को बुलाया होता तो आरएसएस ने सिपाहियों का सिर काटने वाले देश से लेकर न जाने क्या-क्या कहा होता। मगर मोदी के आगे सब चुप हो गए। उन्होंने मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वह अल्पसंख्यकों की हितैषी हैं तो फिर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करें।
उखड़ गए रामगोपालअमर सिंह के मुलायम सिंह यादव शिवपाल तथा अखिलेश यादव से मुलाकात को लेकर प्रोफेसर राम गोपाल खुश नहीं हैं। उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया करने से भले ही इन्कार कर दिया हो, लेकिन कहा कि अमर सिंह कोई अमेरिका के राष्ट्रपति तो हैं नहीं, जो मैं उनकी हर गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देता रहूं।
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