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    गंगा की तरह पवित्र हैं सभी नदियां

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    Updated: Mon, 21 Jul 2014 11:50 PM (IST)

    केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि गंगा की तरह अन्य सभी नदियां भी पवित्र है। सरकार गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जो मानदंड बनाएगी, वे दूसरी नदियों पर भी लागू होंगे। लोक सभा में जल संसाधन मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए भारती ने यह बात कही।

    नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि गंगा की तरह अन्य सभी नदियां भी पवित्र है। सरकार गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जो मानदंड बनाएगी, वे दूसरी नदियों पर भी लागू होंगे।

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    लोक सभा में जल संसाधन मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए भारती ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सभी नदियां महत्वपूर्ण हैं। सरकार गंगा का भी ध्यान रखेगी, यमुना का भी ध्यान रखेगी। सरकार के साथ-साथ समाज को भी गंगा की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित करनी होगी।

    भारती ने कहा कि सरकार 2015-16 को जल संरक्षण वर्ष के रूप में मनायेगी।

    सांसदों ने जताई गंगा की स्थिति पर चिंता :

    1. गौरव गोगोई, कांग्रेस, संसदीय क्षेत्र कलियाबोर, असम :

    मां गंगा को मेरा प्रणाम। मैं मां गंगा को नमन करता हूं और मुझे खुशी है कि इस सरकार ने नमामि गंगे के लिए 2037 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। गंगा पूरी दुनिया में सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और बीते 40 साल में हम इसकी देख-रेख करने में नाकाम रहे हैं। रोजाना तीन अरब लीटर गंदगी गंगा में प्रवाहित होती है। 250 से अधिक उद्योग अपनी गंदगी गंगा में डाल रहे हैं। गंगा में 80 प्रतिशत गंदगी शहरों से जबकि 20 प्रतिशत उद्योगों से जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, उद्योग जगत, गैर सरकारी संगठन, धार्मिक और आध्यात्मिक समुदाय सब गंगा को स्वच्छ रखने में असफल रहे हैं। सरकार से मेरा आग्रह है कि गंगा पर किसी भी योजना को अंतिम रूप देने से पहले विगत के अनुभवों पर भी प्रकाश डाला जाये।

    2. बिजया चक्रवर्ती, भाजपा, संसदीय क्षेत्र, गुवाहाटी, असम :

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी के लिए अलग मंत्रालय बनाया है। भागीरथ के प्रयासों से गंगा धरती पर आई थी, अब हमारे प्रधानमंत्री गंगा को निर्मल बनाकर इसे शुद्ध करके लोगों को सौंपने जा रहे हैं। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की जरूरत है। गंगा की योजना बनाते समय हमें उन हिमनदों की चिंता भी करनी होगी जिनसे इसका उद्गम हुआ है। भूपेन हजारिका का एक गाना याद आ रहा है- गंगा आमार मां, पद्मा आमार मां, दोनों आंखे ज्योतिर्धारा, गंगा जमुनार

    3. आर के भारती मोहन, अन्नाद्रमुक , संसदीय क्षेत्र मयीलदुथराई :

    गंगा 2525 किमी लंबी है। इससे उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल को फायदा होता है। गंगा के निकट हर साल 40 हजार शव जलाए जाते हैं। हमें यह जानने की जरूरत है कि गंगा को हर साल कितना नुकसान हो रहा है। गंगा आरती की तरह ही कावेरी के घाटों पर भी आरती होती है। सरकार को तमिलनाडु की नदियों के घाटों के लिए भी सरकार को विशेष फंड देना चाहिए।

    4. वीरेंद्र सिंह, भाजपा, भदोही :

    गंगा के महत्व का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि गंगा-यमुना के मैदान में कृषि उत्पादन से न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के अन्न का अभाव पूरा हो जाएगा। मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है कि वे गंगा को बचाने के लिए अपने क्षेत्र में कम से कम पांच तालाब जरूर बनाएं। अगर सभी सांसद यह तय कर लें तो इससे भारत का नक्शा बदल जायेगा। मैने अपने क्षेत्र में मोरवा नदी को पुनर्जीवित करके दिखाया है।

    पढ़ें : निर्मल गंगा की राह में नाले रोड़ा

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