जम्मू-कश्मीर: आतंकी हमले को लेकर जारी हुआ था अलर्ट
जम्मू-कश्मीर के पांपोर में हुए आतंकी हमले को लेकर खुफिया अलर्ट जारी हुआ था। सभी सुरक्षा एजेंसियों को इस बाबत सूचित किया गया था। ...और पढ़ें
श्रीनगर, (राज्य ब्यूरो)। सीआरपीएफ ने अगर खुफिया अलर्ट को गंभीरता से लिया होता तो पांपोर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में उसे अपने आठ जवान न गंवाने पड़ते। सभी सुरक्षा एजेंसियों को समय रहते सूचित किया गया था कि श्रीनगर से अनंतनाग के बीच विशेषकर पांपोर और अवंतीपोरा तक आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
सीआरपीएफ के संबंधित अधिकारी इस अलर्ट के बारे में किसी तरह की बातचीत से बच रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने बताया कि शनिवार सुबह सात बजे यह अलर्ट जारी हुआ था। इसमें साफ कहा गया था कि सीआरपीएफ के वाहनों को आतंकी निशाना बना सकते हैं। बावजूद इसके सीआरपीएफ ने कोई ज्यादा एहतियात नहीं बरती और शाम को हमला हो गया।
हमले की जांच कर रहे एक अधिकारी के अनुसार, आतंकियों का निशाना बने सीआरपीएफ के वाहनों के साथ कथित तौर पर कोई एस्कार्ट वाहन भी नहीं था। इससे कहा जा सकता है कि अलर्ट को हल्के में लिया गया। उन्होंने बताया कि चंद दिन पहले भी पांपोर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे के पास ही लश्कर आतंकी खुबैब को मार गिराया गया था। वह भी उस समय हाईवे पर सुरक्षाबलों पर आत्मघाती हमले की तैयारी में जुटा था। उसके दो साथी भाग निकले थे।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि चार दिन पहले उत्तरी कश्मीर से निकले लश्कर के एक आत्मघाती दस्ते को भी इसी इलाके में किसी वारदात को अंजाम देने का जिम्मा मिला था। यह सभी जानकारियां सुरक्षा एजेंसियों के पास थीं और शनिवार सुबह जारी अलर्ट इन्हीं पुख्ता जानकारियों पर आधारित था।

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