दक्षिण कश्मीर के पांपोर में बड़ा अातंकी हमला, 8 जवान शहीद, 2 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर में हुए अातंकी हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में दो अातंकी भी मारे गए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पहले पाकिस्तानी आतंकियों ने शनिवार को लाल चौक से करीब 17 किलोमीटर दूर जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पांपोर में सीआरपीएफ के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें आठ जवान शहीद और 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें में सात की हालत चिंताजनक है। वहीं, सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कारवाई में दो आतंकियों को मार गिराया। अन्य आतंकियों को पकडऩे के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है।
इस बीच, लश्कर के प्रवक्ता डॉ. गजनवी ने स्थानीय पत्रकारों को फोन कर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए आने वाले दिनों में हमले तेज करने की धमकी दी है। वहीं दो जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथ यात्रा को देखते हुए पूरी वादी में सुरक्षा प्रबंध और कड़े कर दिए गए हैं।
यह हमला शाम करीब पौने पांच बजे हुआ। सीआरपीएफ की 161वीं वाहिनी के जवानों को लेकर वाहनों का काफिला पुरा पुलवामा स्थित एक कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में फायरिंग अभ्यास के बाद श्रीनगर स्थित अपने वाहिनी मुख्यालय की तरफ आ रहा था। पांपोर के फ्रिस्तबल इलाके में जैसे ही काफिला पहुंचा तो वहां एक मस्जिद के पास पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने काफिले में शामिल बीच वाली बसों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमले की चपेट में पांच बसें आ आईं। इस बीच, पूरा काफिला रुक गया और उनमें सवार जवानों ने भी पोजीशन ले ली। इसके साथ निकटवर्ती क्षेत्र में तैनात जवानों ने भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर आतंकियों को घेर लिया। वहां शुरू हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, जबकि अन्य वहां मची अफरा-तफरी के बीच भाग निकले। हमले में तीन जवान गाड़ी में ही मारे गए, जबकि तीन अन्य जवान आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। दो जवानों ने अस्पताल में दम तोड़ा।
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हमले के फौरन बाद पुलिस, सीआरपीएफ व सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पूरे इलाके को सुरक्षाबलों ने घेर लिया। आम वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। घायल और मृत पड़े जवानों को उसी समय श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में लाया गया। इस बीच, पत्रकारों के साथ बातचीत में पुलिस महानिदेशक के राजेंद्रा ने कहा कि मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी हैं। इनके अन्य साथियों को पकडऩे के लिए कार्रवाई की जा रही है।
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आतंकियों ने सोच समझकर चुना फ्रिस्तबल क्षेत्र
आइजीपी सीआरपीएफ नलिन प्रभात ने कहा कि हमले में शामिल दो आतंकियों को मार गिराया है। यह सिर्फ दो नहीं थे, इनके कुछ और साथी भी थे।
उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने सोच समझकर ही हमले के लिए फ्रिस्तबल में सड़क का वह हिस्सा चुना, जहां मस्जिद के साथ एक तीखा मोड़ है। इस जगह आकर वाहनों की गति धीमी होती है।
सीआरपीएफ के डीजी आज आएंगे श्रीनगर
पांपोर में आतंकी हमले में आठ जवानों के शहीद होने से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए सीआरपीएफ महानिदेशक दुर्गा प्रसाद रविवार को श्रीनगर आएंगे। वह सीआरपीएफ व राज्य पुलिस के अधिकारियों के साथ राज्य के मौजूदा हालात की समीक्षा करने के अलावा मुठभेड़स्थल का भी दौरा करेंगे। बता दें कि श्री अमरनाथ यात्रा के लिए सीआरपीएफ ही इस राष्टï्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है।
जून में सुरक्षाबलों पर दूसरा हमला
श्रीनगर-अनंतनाग राजमार्ग के बीच जून माह में सुरक्षाबलों के काफिले पर यह दूसरा हमला है। इससे पूर्व तीन जून को बिजबिहाड़ा में आतंकियों ने बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे। फरवरी में आतंकी हमले का निशाना बना ईडीआइ परिसर भी फ्रेस्तबल मुठभेड़ स्थल से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हमले में दो सैन्य अधिकारियों समेत पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
चार साल में हाईवे पर दूसरा बड़ा हमला
बीते चार सालों के दौरान श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में हाईवे पर सुरक्षाबलों के काफिले पर यह दूसरा बड़ा हमला है। इससे पूर्व 24 जून 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आगमन से पूर्व हैदरपोरा में आतंकियों के हमले में नौ सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।