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    IS से लगाव रखनेवाले 150 युवाओं पर सुरक्षा एजेंसियों की है नजर

    आतंकी संगठन आइएस के प्रति लगाव रखने वाले 150 युवा सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। इनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

    By Rajesh KumarEdited By: Updated: Thu, 19 Nov 2015 07:35 AM (IST)

    नई दिल्ली। आतंकी संगठन आइएस के प्रति लगाव रखने वाले 150 युवा सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। इनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। भारतीय युवाओं को आइएस के दुष्प्रचार से रोकने में एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है और अब तक 30 युवाओं को आइएस में शामिल होने से रोका जा चुका है।

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    हालत यह है कि बढ़ती असहिष्णुता की बहस के बावजूद केवल 23 भारतीय युवा ही आइएस में शामिल हुए हैं, इनमें से एक वापस लौट चुका है।

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    आइएस के खतरे से निपटने के लिए भारतीय एजेंसियों की तैयारियों का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में केवल 150 युवाओं में आतंकी संगठन के प्रति लगाव देखने को मिल रहा है। वैसे इनमें से कोई भी सीधे आइएस के संपर्क में नहीं है। वे वेबसाइटों पर आइएस के बारे में जानकारी हासिल करते देखे गए हैं।

    सुरक्षा एजेंसियां इन युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। इनमें से अधिकांश युवा दक्षिण भारत से हैं। सुरक्षा एजेंसियों की इस मुस्तैदी का नतीजा है कि अभी तक 30 युवाओं को आइएस में शामिल होने से रोका जा चुका है।

    आइएस की ओर से इराक और सीरिया में लड़ाई करने गए 23 भारतीयों में से छह मारे जा चुके हैं, जिनमें मुंबई के कल्याण से गया एक युवक भी शामिल है। जबकि कल्याण का एक युवक पहले ही वापस आ चुका है। जो भारतीय युवा आइएस में शामिल भी हुए हैं, उनमें से अधिकांश पहले से विदेशों में रह रहे हैं।

    इनमें आस्ट्रेलिया से एक, सिंगापुर से एक और ओमान से एक युवा शामिल हैं। जबकि पहले से पाकिस्तान में रहे इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी भी आइएस में शामिल हुए हैं। इनमें सुल्तान अजमेर शाह और बड़ा साजिद प्रमुख हैं।

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    गौरतलब है कि आइएस के लिए यूएई से भर्ती अभियान चलाने वाली हैदराबाद की महिला को वापस भारत लाया गया है। इसके साथ ही केरल के चार अन्य युवाओं को भी यूएई भारत भेज चुका है। वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि फिलहाल भारत में आइएस के किसी माड्यूल के सक्रिय होने की कोई खुफिया जानकारी नहीं है।