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    विरोध और देरी की वजह से ऑस्ट्रेलिया में खनन प्रोजेक्ट को बंद कर सकते हैं अडानी

    ऑस्ट्रेलिया में कई पर्यावरणविद और संस्थाएं अडानी को दिए गए इन ठेकों का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि क्वींसलैंड के समुद्रतटीय इलाके में खनन और इन परियोजनाओं से भारी प्रदूषण फैलेगा।

    By Atul GuptaEdited By: Updated: Sun, 05 Jun 2016 12:31 PM (IST)

    नई दिल्ली, भारत के उद्योगपति गौतम अडानी ऑस्ट्रेलिया में खनन परियोजना के ठेकों को छोड़ सकते हैं।ऑस्ट्रेलियाई अखबार 'द ऑस्ट्रेलियन' के मुताबिक अडानी की कंपनी यह फैसला इन परियोजनाओं के शुरू होने से पहले आ रही कानूनी बाधाओं की वजह से ले सकती है.

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    इससे पहले अप्रैल में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने क्वींसलैंड प्रांत में अडानी समूह को अरबों डॉलर की कोयला खनन परियोजनाओं की इजाजत दी थी, लेकिन इसके बाद से ऑस्ट्रेलिया में कई पर्यावरणविद और संस्थाएं अडानी को दिए गए इन ठेकों का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि क्वींसलैंड के समुद्रतटीय इलाके में खनन और इन परियोजनाओं से भारी प्रदूषण फैलेगा। इस मामले में सरकार के फैसले का विरोध करते हुए ऑस्ट्रेलिया की कई पर्यावरण संस्थाओं ने वहां के सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिकायें दायर कर रखी हैं और इनमें अडानी को दिए गए ठेकों को रद्द करने की मांग की गई है।

    बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक गौतम अडानी ने अखबार को बताया है कि इन याचिकाओं की सुनवाई खत्म होने और उन्हें परियोजनाओं के लिए इजाजत मिलने में दो से तीन साल या इससे ज्यादा का समय लग सकता है और वे इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते। अडानी के मुताबिक, वे इस लेटलतीफी से काफी परेशान हैं, क्योंकि वे पहले ही कोयले की आपूर्ति के लिए जरूरी आधारभूत संरचना के विकास पर तीन अरब डॉलर खर्च कर चुके हैं। अडानी समूह को 16.6 अरब डॉलर की इस परियोजना पर 2017 से काम शुरू करना था।

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