Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अब गोड्डा के मोतिया में लगेगा अडानी का पावर प्लांट

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 16 Apr 2016 01:37 AM (IST)

    गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड के परसपानी गांव में अडानी उद्योग समूह का पावर प्लांट लगने की बजाय अब यह सदर प्रखंड के मोतिया या डुमरिया गांव के आसपास लग ...और पढ़ें

    गोड्डा । गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड के परसपानी गांव में अडानी उद्योग समूह का पावर प्लांट लगने की बजाय अब यह सदर प्रखंड के मोतिया या डुमरिया गांव के आसपास लगेगा। इस क्षेत्र के सात स्थानों पर जमीन का सर्वे किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कंपनी के महाप्रबंधक मनीष ङ्क्षसह ने शुक्रवार को मोतिया गांव के रैयतों के साथ बैठक की। मालूम हो कि 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले अडानी पावर प्लांट की स्थापना के लिए एक हजार व 500 एकड़ जमीन की जरूरत है। इनमें से एक में पावर प्लांट और दूसरे में वाटर प्लांट लगना है। सभी जमीन मालिक मुआवजा व अन्य सुविधाओं से अवगत हुए।

    इस क्रम में कंपनी के अधिकारी प्रभाकर झा ने कहा कि परियोजना गोड्डा के लिए नहीं थी लेकिन जीतपुर कोल ब्लाक आवंटित होने के कारण इस परियोजना को गुजरात के कच्छ के मुंद्रा से यहां लगाने की योजना बनाई गई, ताकि बिजली की समस्या से क्षेत्र को छुटकारा मिले और कंपनी को कोयला आसानी से कम लागत में मिले। परियोजना के लिए जमीन मालिक की सहमति के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी। उत्पादित बिजली का 25 फीसद झारखंड सरकार को दिया जाएगा, जबकि मुनाफे का पांच प्रतिशत प्लांट के दस किमी के दायरे में विकास पर खर्च करने के संबंध में झारखंड सरकार के साथ एमओयू हो चुका है। हाल में परसपानी के बिगड़े हालात के बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई थी, जिसके सुझाव पर सरकार जमीन का रेट निर्धारित करेगी।
    फिलहाल पुराने हिसाब से भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत प्रति एकड़ 14 लाख रुपए रैयतों को मिलेंगे तथा 40 वर्ष से नीचे के रैयत के परिजन को कंपनी में नौकरी दी जाएगी। सीआरएस के तहत अन्य 20 प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने की जानकारी दर्जनों रैयतों को दी गयी। उन्होंने बताया कि 15 सौ एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसकी मोतिया समेत अन्य छह जगहों पर तलाश की जा रही है। जमीन मिलते ही कागजी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मोतिया गांव के मौजा झरकत्ता में डुमरिया के कई रैयतों ने कंपनी के पदाधिकारियों को परियोजना के लिए जमीन देने की बात कही।