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    आरुषि मर्डर मिस्ट्री: पांच साल बीते और सुलझी गुत्थी, पर..

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    Updated: Thu, 16 May 2013 11:02 AM (IST)

    देश में अब तक की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट््री के नाम से जाने जानी वाला आरुषि-हेमराज हत्याकांड की गुत्थी सुलझकर भी सुलझी नहीं है।

    नई दिल्ली। देश में अब तक की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट््री के नाम से जाने जानी वाला आरुषि-हेमराज हत्याकांड की गुत्थी सुलझकर भी सुलझी नहीं है। साल 2008 के 15/16 मई को नोएडा के जलवायु विहार स्थित फ्लैट में हुए आरुषि तलवार के मर्डर को आज पांच साल हो गए हैं, लेकिन अब तक इस बात पर मुहर नहीं लगी है कि आखिर आरुषि की हत्या किसने की है।

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    पढ़ें: सीबीआई नहीं जानती आरुषि मर्डर का सच

    इस हत्या के मामले में आरुषि के माता-पिता डॉक्टर राजेश तलवार व नूपुर तलवार को गिरफ्तार किया गया था। इस केस में पिछले पांच साल में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन आज तक ये केस एक मिस्ट्री बना हुआ है। हालांकि सीबीआइ ने अपनी जांच में ये साफ कर दिया है कि खुद आरुषि के माता-पिता ने ही उसकी हत्या की है।

    पढ़ें: नहीं तो जाना होगा तलवार दंपति को जेल

    सीबीआइ के वकील आरके सैनी ने कोर्ट में कहा कि हत्या के दिन घर में कोई और बाहरी शख्स नहीं आया था। लेकिन तलवार दंपति अब भी खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश में जुटी है।

    गौैरतलब है कि 15/16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार में आरुषि की हत्या हुई थी। आरुषि की हत्या के दूसरे दिन नौकर हेमराज का भी शव घर की छत पर मिला था। कोर्ट में जारी सुनवाई में जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि सीबीआइ की जांच बताती है कि आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के दिन घर पर राजेश तलवार और नूपुर तलवार के अलावा कोई तीसरा शख्स मौजूद नहीं था। इससे ये साफ साबित होता है कि मां-बाप ने ही बेटी की हत्या की है।

    पिछले पांच साल से इस केस की सुनवाई चल रही है। इस केस में कई उतार-चढ़ाव आए। आईए जानते हैं इस केस में कब क्या हुआ.

    16 मई,2008 : डीपीएस की छात्रा आरुषि का शव उसके नोएडा, सेक्टर-25 स्थित घर के कमरे में मिला। नौकर हेमराज पर लगा हत्या का आरोप।

    17 मई 2008 : चौबीस घंटे बाद आरुषि के घर की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद।

    23 मई 2008 : नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता डॉ.राजेश तलवार को हत्या का आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया। मेरठ जोन के तत्कालीन आइजी गुरुदर्शन सिंह ने आरुषि व हेमराज को आपत्तिजनक स्थित में पाए जाने को बताया हत्या की वजह।

    31 मई,2008 : हत्याकांड की जांच सीबीआइ को दी गई।

    1 जून, 2008 : सीबीआइ ने जांच की जिम्मेदारी संभाली। उत्तर प्रदेश शासन ने मेरठ जोन के आइजी, मेरठ रेंज के डीआइजी और नोएडा एसएसपी का तबादला किया।

    13 जून, 2008 : नार्को टेस्ट के बाद सीबीआइ ने डॉ. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया।

    27 जून, 2008 : डॉ. अनिता दुर्रानी के नौकर राजकुमार को सीबीआइ ने किया गिरफ्तार।

    11 जुलाई 2008 : डॉ. तलवार के पड़ोस में रहने वाले नौकर विजय मंडल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार। 50 दिन जेल में रहने के बाद डॉ. राजेश तलवार रिहा।

    12 सितंबर 2008 : कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल सुबूत के अभाव में रिहा।

    30 दिसंबर 2010 : सीबीआइ ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की।

    25 जनवरी 2011 : आरुषि के पिता पर गाजियाबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में हमला।

    9 फरवरी 2011 : गाजियाबाद की विशेष अदालत ने तलवार दंपती को सबूत मिटाने और आरुषि हत्याकांड में शामिल होने का आरोप तय किया।

    28 फरवरी 2011 : सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपती के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया।

    11 अप्रैल 2012 : कोर्ट ने नूपुर तलवार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। नूपुर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। जिसपर पर कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर तीस अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी।

    30 अप्रैल 2012 : नूपुर तलवार ने सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट ने जेल भेजा।

    3 मई 2012 : सत्र न्यायालय ने नूपुर की जमानत याचिका खारिज की।

    14 मई 2012 : गाजियाबाद कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले से जुड़े दस्तावेज तलवार दंपती को सौंपने को कहा।

    17 जुलाई 2012 : सुप्रीम कोर्ट ने नुपूर की जमानत मंजूर की और 25 सितंबर नूपुर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।

    17 सितंबर 2012 : नूपुर तलवार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए।

    25 सितंबर 2012 : नूपुर तलवार को जेल से रिहा कर दिया गया।

    सीबीआई ने जैसे ही इस मामले में तलवार दंपति को दोषी पाया वैसे ही तलवार दंपति ने अपनी बेगुनाही साबित करने की जी तोड़ कोशिश शुरू कर दी। कोर्ट ने उन्हें अपने बयान दर्ज कराने के लिए कुछ दिनों की मोहलत दी है। इस बीच, दंपति ने इस मामले से जुड़े 14 गवाहों को कोर्ट में पेश करके अपने बयान दर्ज करने के लिए अपील की थी। अब दंपति 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराएगी।

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