'आप' की चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं
लोकसभा सीटों के लिए 20 प्रत्याशियों के एलान के साथ ही आम आदमी पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। लुधियाना से एचएस फुल्का और नागपुर से अंजलि दमानिया को टिकट दिए जाने के विरोध के बाद अब पुणे के एक बिल्डर ने भी बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उक्त बिल्डर डीएस कुलकर्णी ने आप के टिकट पर चुनाव लड़ने क
पुणे। लोकसभा सीटों के लिए 20 प्रत्याशियों के एलान के साथ ही आम आदमी पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। लुधियाना से एचएस फुल्का और नागपुर से अंजलि दमानिया को टिकट दिए जाने के विरोध के बाद अब पुणे के एक बिल्डर ने भी बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उक्त बिल्डर डीएस कुलकर्णी ने आप के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया था।
बसपा की टिकट पर यहां से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने वाले डीएस कुलकर्णी ने कहा कि अब उनका आप से मोहभंग हो गया है। सुरेश कलमाड़ी से शिकस्त खा चुके कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि आप उम्मीदवार का चयन लोकतांत्रिक तरीके से करने का स्वांग रच रही है। जबकि उसके प्रत्याशी पहले से तय हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता का मुखौटा पहनकर आम आदमी पार्टी के हाईकमान ने लोगों से लोकसभा टिकट के लिए फार्म भरवाया था। लेकिन बिना कारण बताए आवेदनों को खारिज कर दिया गया।
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बता दें कि आप ने पुणे से सुभाष वारे को प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह से नागपुर से अंजलि दमानिया को टिकट दिए जाने का रूपा कुलकर्णी ने विरोध किया था। उन्होंने भी कहा था कि आवेदन सिर्फ दिखावे के लिए मंगाए गए थे जबकि उम्मीदवार का चयन पहले ही हो चुका है। नागपुर में आप की संस्थापक सदस्य अंजू घोलवे का भी कहना है कि पार्टी को अगर दमानिया को ही मैदान में उतारना था तो करीब 40 लोगों का साक्षात्कार क्यों किया गया। उधर, लुधियाना में फुल्का को टिकट दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। पार्टी के जिला सचिव बलवीर अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि फुल्का को पैसे लेकर टिकट दिया गया है।
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