'आप' ने भी नहीं की महिलाओं पर मेहरबानी
आम आदमी पार्टी [आप] ने विधानसभा चुनाव के लिए अब तक घोषित 56 सीटों में से महज पांच सीटें ही महिलाओं को दी हैं। इसके बावजूद वह महिला सशक्तीकरण का दावा क ...और पढ़ें

नई दिल्ली [आशुतोष झा]। आम आदमी पार्टी [आप] ने विधानसभा चुनाव के लिए अब तक घोषित 56 सीटों में से महज पांच सीटें ही महिलाओं को दी हैं। इसके बावजूद वह महिला सशक्तीकरण का दावा कर रही है। हालांकि उसे अभी 14 अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने हैं।
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आप का कहना है कि भाजपा में कोई भी महिला विधायक नहीं है, जबकि कांग्रेस में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मिलाकर कुल तीन महिलाएं ही विधायक हैं। आप ने जिन पांच महिलाओं को टिकट दिया है, उनमें से दो का नाता पत्रकारिता जगत से रहा है। इसमें आरके पुरम से शाजिया इल्मी तथा मंगोलपुरी से राखी बिड़ला का नाम शामिल है। बाकी तीन प्रत्याशी कारोबारी हैं और पति के कारोबार में हाथ बटाती हैं।
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दिल्ली की राजनीति को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि राजनीति में महिलाओं को आगे लाने में किसी भी राजनीतिक दल ने संजीदगी नहीं दिखाई है। नगर निगम चुनाव में 50 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं हैं। यहां आने के बाद अधिकतर पार्षद अपने को उपेक्षित महसूस कर रही हैं। जब उनके पीछे पति या परिवार में किसी और के हाथ होने की बात होती है, तो असहज महसूस करने लगती हैं।
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि चुनाव में महिलाओं को अधिक से अधिक टिकट मिले और इसके लिए मैंने काफी प्रयास किया। कई महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए कहा, लेकिन देखने में आया कि वह घर की समस्याओं से घिरी हुई हैं। हमारी कोशिश है कि पार्टी की बची हुई सीटों पर अधिक से अधिक महिलाएं प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जाय।
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