भोपाल मुठभेड़ में SIMI के 8 आतंकी ढेर, फरार होने की जांच NIA करेगी
भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी के फरार आठ आतंकियों को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है।
भोपाल (एएनआई)। भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार सिमी के आठ आतंकियों को जेल से करीब 10 किमी दूर भोपाल के बाहरी इलाके इंतिखेड़ी गांव में पुलिस ने मार गिराया है। भोपाल के आईजी योगेश चौधरी ने बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा घेरे जाने के बाद सभी आतंकी मार गिराए गए। जेल से फरार होने से पहले आतंकियों ने जेल गार्ड रमाशंकर की हत्या कर दी। सिमी के ये आतंकी 2013 में खंडवा जेल से भी फरार हुए थे। लेकिन कुछ महीनों के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
फरार आतंकियों के नाम
शेख मुजीब उर्फ नावेद, खालिद अहमद मुद्दाले, अकील, अब्दुल माजिद, मो. सलीक उर्फ सल्लू, जाकिर हुसैन उर्फ सादिक, शेख महबूब, अमजद उर्फ ड्राइवर उर्फ पप्पू शेख
शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा ?
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि ये जेल ब्रेक एक गंभीर मामला है,जिसके तह तक जाने के लिए जांच होनी चाहिए। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से एनआइए जांच की मांग की थी जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्थानीय लोगों की मदद से आतंकियों को मार गिराने में कामयाबी मिली। बहादुर पुलिसकर्मियों की सरकार सराहना करती है। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि जिस ढंग से आतंकियों को मार गिराया गया है, वो सवालों के घेरे में है।सभी आतंकी मारे जा चुके हैं लिहाजा इसकी जानकारी मुश्किल है कि वो किस तरह से जेल से फरार होने में कामयाब हुए।
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'जेल ब्रेक की घटना राजद्रोह की सीमा तक'
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जेल ब्रेक की घटना राजद्रोह की सीमा तक है। उन्होंने कहा कि फरार आतंकियों के बारे में जो जानकारी मुहैया कराएगा उसे राज्य सरकार पांच लाख रुपए इनाम देगी। लापरवाही बरतने के मामले में जेल सुपरिंटेंडेंट समेत चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।सीएम ने कहा कि डीआईजी जेल को निलंबित कर दिया गया है। एडीजी जेल को हटाया जा चुका है।
तस्वीरें: भोपाल सेंट्रल जेल से फरार सिमी के 8 आतंकी एनकाउंटर में ढेर
भोपाल में जेल ब्रेक
भोपाल सेंट्रल जेल के महानिदेशक संजय चौधरी ने बताया कि आतंकियों ने एक गार्ड की हत्या कर दी थी और दूसरे को घायल भी कर दिया था। भोपाल के एसपी अरविंद सक्सेना ने बताया कि आतंकियों ने बेडशीट की रस्सी बनाकर जेल की दीवार फांद कर भाग गए।
#WATCH Bhopal SP Arvind Saxena speaks on the 8 SIMI terrorists who fled from Bhopal central jail pic.twitter.com/q9uCOSF9fh
— ANI (@ANI_news) October 31, 2016
यूपी से गायब हैं सिमी के 80 आतंकी
सर्वाधिक खतरा उत्तर प्रदेश से गायब सिमी के 80 आतंकियों से है। केन्द्र से मिले अलर्ट के बाद खुफिया एजेंसियो की नजर सिमी के इन्हीं लापता आतंकियों पर है, जो संगठन के बैन होने के बाद से ना तो पकड़े ही गए और ना ही किसी वारदात में उनका नाम सामने आया। इस अलर्ट के बाद यूपी के अंदर बैठे इन आतंकियों के मददगारों पर पुलिस ने निगाह गढ़ा दी है।
सिमी का आतंकी बताकर दो पत्रकारों को पुलिस ने पीटा
खुफिया एजेंसियों ने जताई चिंता
आईबी ने साफ तौर पर कहा है कि सिमी के जो आतंकी बीते कई सालों से अंडरग्राउंड हैं, जिनके बारे में यूपी पुलिस और उसकी इंटेलीजेंस को कोई सुराग तक नहीं है वो अब नया खतरा बन गए हैं। लिहाजा उनकी तलाश तेज की जाए। उनके मददगारों पर नजर रखी जाये।
वैसे भी 2002 में प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने नया चोला ओढ़कर कर नाम इंडियन मुजाहिदीन रख लिया है। जिसने 2005 तक देश में लगातार विस्फोट कराये और उसके बाद अब उसके तमाम लोग स्लीपिंग माड्यूल की तरह काम कर रहे हैं। जिसकी बानगी दो वर्ष पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी।
आठों आतंकियों का सरगना है अबु फैजल
अबु फैजल इन आठों आतंकियों का सरगना रहा है जिसे भोपाल पुलिस ने जमशेदपुर से दबोचा था। खंडवा जेल से फरार होने के बाद से सिमी आतंकी अबु फैजल ने जमशेदपुर में पनाह ले रखी थी। उसने जमशेदपुर में फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था। फैजल की निशानदेही पर ही भोपाल एटीएस की टीम ने देश के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। भोपाल के मणप्पुरम गोल्ड फाइनांस कंपनी से करोड़ों रुपये के सोने की लूट की घटना को भी अबु फैजल व उसके साथियों ने ही अंजाम दिया था। वह जमशेदपुर में जून, 2011 में पकड़ा गया था।
उसने इरशाद नामक युवक के नाम पर गैस कनेक्शन भी लिया था व फर्जी कागजात पर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लिया था। वह 2010 से जमशेदपुर में रह रहा था। उसके साथ यहां उसका परिवार भी था। पहले उसने यहां एक किराये पर मकान लिया था। बाद में उसने 15 लाख रुपये की लागत से घर खरीद लिया। शहर में रहने के दौरान अबु फैजल एवं उसकी टीम ने बकायदा शहर की रेकी भी की थी।
पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर
सिमी के साथ ही करीब दस वर्ष पहले क्रिकेट मैच देखने के नाम पर वीजा लेकर भारत आये पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। यह लोग भारत आये तो लेकिन वापस नहीं गए। इनकी संख्या करीब 400 के करीब है। रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि पासपोर्ट लेकर आये पाकिस्तानियों से देश को खतरा कम ही रहा है।
हमेशा वारदातों में वही आतंकी पकड़े गए जिन्होंने नेपाल या बंग्लादेश के जरिए फर्जी पासपोर्ट बना कर घुसपैठ की थी। अब दो तरह से लोग भारत के भीतर खतरा बन गए हैं। बदली परिस्थितियों में दोनों ही खतरा बन गए हैं। लिहाजा सतर्क रहने की बेहद जरूरत है।
बीते कुछ वर्ष में उत्तर प्रदेश गुजरात और मध्य प्रदेश पुलिस के हत्थे सिमी के तमाम आतंकी पकड़े गए, लेकिन सिमी चीफ सफदर नागौरी समेत करीब 70 सिमी माड्यूल अभी भी लापता हैं। जिनके बारे में यूपी इंटेलीजेंस के पास कोई जानकारी नहीं है। इनके साथ ही 400 से अधिक लापता पाकिस्तानी नागरिकों ने इस वक्त मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
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